Privatization Of Banks: सरकार अब सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तेजी दिखा रही है. माना जा रहा है कि सरकार मानसून सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक को ला सकती है. इसी के साथ पीएसबीस ( Public Sector Banks) के निजीकरण की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ सकती है. बता दें दो सरकारी बैंकों इंडियन ओवरसीज बैंक ( Indian Overseas Bank),सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण हो सकता है, हालांकि सरकार ने बैंकों के निजीकरण के लिए सरकारी बैंकों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है. वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस साल बजट 2021-2022 पेश करते हुए सरकारी बैंक( Public Sector Banks) के निजीकरण की बात साफ की थी. मानसून सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक आने और इसके पास होने के बाद ही सरकारी बैंकों का निजीकरण हो पाएगा.
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के अब सिर्फ 12 बैंक
मौजूदा समय में देश में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 12 बैंक रह गए हैं. साल 2019 में सरकार ने कुल 10 सरकारी बैंकों का मर्जर बड़े बैंकों के साथ किया था. जाहिर है सरकार कमजोर सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए मर्जर का रास्ता अपनाती है. साल 2019 में पंजाब नेशनल बैंक में ओरएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया था. इसी तरह इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का मर्जर किया गया था. केनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का मर्जर किया गया था और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का मर्जर किया गया था.
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सरकारी बैंक से सरकार का शेयर घट कर 26 फीसदी होगा
सरकारी बैंकों के निजीकरण के बाद सरकार का बैंको से शेयर 51 फीसदी से घटकर 26 फीसदी हो जाएगा. इसी के साथ आज इंडियन ओवरसीज बैंक ( Indian Overseas Bank),सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) के शेयरों में बुधवार को तेजी को देखने को मिली है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर आज इंडियन ओवरसीज बैंक ( Indian Overseas Bank) के शेयरों में 4 फीसदी जबकि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) के शेयरों में 3.59 फीसदी का उछाल रहा.
HIGHLIGHTS
- मानसून सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक ला सकती है सरकार
- दो सरकारी बैंको और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का होगा निजीकरण