आने वाले दिनों में आपको कैश लेकर नहीं चलना होगा. भारत में अब लेन-देन का तरीका बदलने वाला है. मतलब अब करेंसी पूरी तरह डिजिटल होने वाली है. आप सोच रहे होंगे कि क्या यह डिजिटल करेंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगी. तो हां यह एक तरह का रुपया ही होगा और इसे आरबीआई ही जारी करेगी. लेकिन यह प्रिंटेड नोट से बिल्कुल अलग होगा.मीडिया रिपोर्ट की माने तो आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने पहले कह चुके हैं कि भारत को डिजिटल करेंसी की जरूरत है. उन्होंने एक हफ्ते पहले एक वेबिनार में इस बात को कहा था. उन्होंने डिजिटल करेंसी का महत्व समझाते हुए कहा था कि यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. उन्होंने यह भी बताया की आरबीआई इसपर काम कर रही है. हालांकि यह कब तक पूरा होगा इसके बारे में जानकारी नहीं दी.
बता दें कि दुनिया के 14 प्रतिशत केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी की पायलट टेस्टिंग कर रहे हैं. वहीं दुनिया भर के 86 प्रतिशत केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर रिसर्च कर रहे हैं. जिसमें भारत भी शामिल है. आरबीआई डिजिटल रुपए की संभावनाओं पर काम कर रही है. इसके लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) का एक प्रस्ताव पेश किया गया है.
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डिजिटल करेंसी कैसे करेगा रन
डिजिटल करेंसी में आप वैसे ही लेन-देन कर सकते हैं जैसे की कैश के जरिए करते हैं. यह कैश का एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक रूप है. इसके लेन-देन में बैंक या किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं पड़ती है. आरबीआई से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी. यह किसी बैंक के अकाउंट में या वॉलेट में नहीं जाएगी. यह कैश की तरह ही रन करेगा. लेकिन माध्यम पूरी तरह डिजिटल होगा.
डिजिटल करेंसी के फायदें
डिजिटल करेंसी उसी तरह काम करेगी जैसे की अभी ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम काम करते हैं. यानी अपने स्मार्टफोन से ही ई-रुपये में भुगतान कर सकेंगे या पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे. इससे नकदी पर लोगों की निर्भरता घटेगी. इसके साथ ही नोटों की छपाई और सिक्कों की ढलाई पर होने वाला भारी-भरकम खर्च भी बचेगा. डिजिटल करेंसी आने से नकली रुपयों पर रोक लगेगी. रिश्वतखोरी और बेनामी लेन-देन पर भी काफी हद तक लगाम लगाया जा सकेगा.
Source : News Nation Bureau