RBI Monetary Policy 9th October: रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की आज 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस है. बता दें कि रिजर्व बैंक की नव-गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की थी. समिति के बैठक के नतीजों की घोषणा आज यानि शुक्रवार को की जाएगी. समिति की यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण नीतिगत दर को यथावत रखे जाने के अनुमान हैं. एमपीसी की यह बैठक पहले 29 सितंबर से एक अक्टूबर के दौरान होने वाली थी. हालांकि नये स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक का समय नये सिरे से तय किया गया है.
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ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं: विशेषज्ञ
सरकार ने अब तीन प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे को आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया है. विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में तेजी के मद्देनजर नीतिगत दर में कमी नहीं कर सकता है. हालांकि उद्योग संगठनों का विचार है कि रिजर्व बैंक को कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने की गंभीर चुनौतियों के मद्देनजर नीतिगत ब्याज दरों में कमी का अपना रुख बनाये रखना चाहिये. यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) पिछली दो तिमाहियों (मार्च और जून 2020) में आरबीआई के ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से अधिक रही है. इसके सितंबर तिमाही में भी छह प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है.
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अगस्त में हुई पिछली बैठक में नीतिगत दर में नहीं किया गया था कोई भी बदलाव
जैन का अनुमान है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर को यथावत रखेगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले कहा था, हालांकि मौद्रिक नीति से संबंधित उपाय करने का विकल्प है, लेकिन इसे आगे आ सकने वाली अप्रत्याशित परिस्थिति के लिये बचाकर रखना उचित होगा. मनीबॉक्स फाइनेंस के सह संस्थापक एवं सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मयुर मोदी ने कहा कि छोटी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कार्यशील पूंजी तथा वृद्धि दोनों मोर्चे पर तरलता से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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रिसर्जेंट इंडिया की प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गादिया ने कहा कि आरबीआई को इस स्तर पर वृद्धि को तरजीह देना चाहिये, भले ही इसके कारण मुद्रास्फीति के मोर्चे पर कुछ कीमत चुकानी पड़े. फर्स्टरैंड बैंक के ट्रेजरी हेड हरिहर कृष्णमूर्ति ने कहा, "हर किसी के साथ, मैं भी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद करता हूं, क्योंकि मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के लक्षित दायरे के स्तर से ऊपर है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अगस्त में हुई पिछली बैठक में नीतिगत दर को यथावत रखा था. हालांकि उससे पहले फरवरी के बाद से रिजर्व बैंक नीतिगत दर में 1.15 अंक की कटौती कर चुका है.