RBI Monetary Policy 9th October: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee-MPC) की 3 दिन की बैठक 7 अक्टूबर 2020 से शुरू होकर आज यानि 9 अक्टूबर 2020 को खत्म हो गई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली MPC की बैठक (RBI Credit Policy) में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. शक्तिकांत दास ने इन महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी साझा की है. MPC की बैठक पहले 29 सितंबर से एक अक्टूबर के दौरान होने वाली थी. हालांकि नये स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक का समय नए सिरे से तय किया गया है.
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दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत: शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रखा है. मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने ब्याज दरों को लेकर एकोमोडेटिव रुख के साथ ही पॉलिसी पर भी नरम रुख कायम रखा है. एमपीसी के सभी सदस्य ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में थे. शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई पड़ रहे हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्ण निर्णायक स्तर पर है. उन्होंने कहा कि कोविड को रोकने से ज्यादा ध्यान अब रिवाइवल पर है और सभी सेक्टर की स्थिति सुधर रही है. रबी फसलों का आउटलुक बेहतर दिख रहा है.
रिजर्व की की मौजूदा ब्याज दरें
- Policy Repo Rate: 4.00%
- Reverse Repo Rate: 3.35%
- Marginal Standing Facility Rate: 4.25%
- Bank Rate : 4.25%
- CRR: 3%
- SLR: 18.00%
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वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान -9.5 फीसदी
शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी सेक्टर की ग्रोथ में सुधार दिखाई पड़ रहा है और सभी सांकेतिक आंकड़े भी सुधार की ओर दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन दोबारा रिकॉर्ड बना सकता है. जनवरी-मार्च 2021 तक पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ की संभावना है यानि चौथी तिमाही में जीडीपी सकारात्मक रह सकती है. कृषि, कंज्यूमर और फार्मा सेक्टर में तेज रिकवरी के आसार हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी की उम्मीद बनी हुई है. अपैल-जून की गिरावट के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार जारी है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा मजबूत है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान -9.5 फीसदी है.
अगस्त में हुई पिछली बैठक में ब्याज दरों में नहीं किया गया था बदलाव
जैन का अनुमान है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर को यथावत रखेगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले कहा था, हालांकि मौद्रिक नीति से संबंधित उपाय करने का विकल्प है, लेकिन इसे आगे आ सकने वाली अप्रत्याशित परिस्थिति के लिये बचाकर रखना उचित होगा. मनीबॉक्स फाइनेंस के सह संस्थापक एवं सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मयुर मोदी ने कहा कि छोटी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कार्यशील पूंजी तथा वृद्धि दोनों मोर्चे पर तरलता से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है.