पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) ने सोमवार को कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा घोषित 31 अगस्त तक कर्ज चुकाने की मोहलत (Moratorium) को बढ़ाया नहीं जाना चाहिए. पीएनबी के प्रबंध निदेशक और सीईओ एस एस मल्लिकार्जुन राव (S S Mallikarjuna Rao) का कहना है कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी देखने को मिल रही है. बता दें कि एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के चेयरमैन दीपक पारेख, एसबीआई (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार और सीआईआई के अध्यक्ष उमेश कोटक जैसे प्रमुख बैंकर हाल ही में ऐसे विचार व्यक्त कर चुके हैं.
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भुगतान करने की क्षमता वाले उधारकर्ता भी उठा रहे हैं लाभ
मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि कुछ उधारकर्ता जिनके पास भुगतान करने की क्षमता है, वे छूट का लाभ उठा रहे हैं. बता दें कि RBI ने मार्च में कर्ज के बोझ को कम करने और कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों को वापस पटरी पर लाने के लिए मोरोटोरियम स्थगन को बढ़ा दिया था. गौरतलब है कि आरबीआई ने शुरुआत में इसे मई को खत्म हो रही तीन महीने की अवधि के लिए अनुमति दी थी, लेकिन बाद में इसे अगस्त तक बढ़ा दिया था. राव ने कहा कि पीएनबी की 30,000 करोड़ रुपये की लोन बुक में से सिर्फ 20 से 22 फीसदी खाताधारकों ने आरबीआई की मोरोटोरियम स्कीम के विकल्प को नहीं चुना है.
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उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट और रिटेल लोन ग्राहकों को एक बार लोन रिस्ट्रक्चरिंग विंडो प्रदान की जाएगी, जिनकी आय महामारी और बाद में लॉकडाउन के कारण कम हुई है, लेकिन यह विलफुल डिफॉल्टर को नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पीएनबी की क्रेडिट बुक का 5 से 6 फीसदी पुनर्गठन के लिए आ सकता है. पीएनबी के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के विलय पर उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि PNB में मौजूदा समय में 1.03 लाख कर्मचारियों की संख्या है और जैसे-जैसे व्यवसाय बढ़ता है, हमारे कर्मचारी की ताकत भी बढ़ेगी.