केन्द्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से रेपो रेट तय करने को लेकर मौद्रिक समिति की बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में जो फैसले होंगे, उनके परिणाम परसो यानी बुधवार को घोषित कर दिए जाएंगे. आपको बता दें कि मौद्रिक कमेटी ( monetary committee ) की बैठक का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है, जब हाल ही में यूएस सेंट्रल बैंक ( US Central Bank ) फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में जारी वृद्धि को कम किया है.
महंगाई को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला
अर्थव्यवस्था पर बारीक नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय रिजर्व बैंक के सामने इस बार सबसे बड़ा मुद्द मंहगाई का रहेगा. आरबीआई ( Reserve Bank of India) महंगाई कम करने के लिए हर संभव कदम उठा सकता है. इसके एक बड़ा कारण यह भी है कि 2022 की पहली तीन तिमाहियों में इन्फ्लेशन रेट आरबीआई द्वारा निर्धारित महंगाई के बैंड 2-6 प्रतिशत से ज्यादा रही है. हालांकि नवंबर और दिसंबर 2022 में महंगाई का प्रतिशत 6 से कम रिकॉर्ड किया गया. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार मीटिंग में रेपो रेट को लेकर कोई बड़ा फैसला होना संभावित है. गौरतलब है कि पिछले साल महंगाई को काबू में रखने के लिए आरबीआई ने एक नहीं बल्कि 5-5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. यही वजह है कि रेपो रेट की दर 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गई थी.
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क्या है रेपो रेट
आपको बता दें कि रेपो रेट को शॉर्ट में आरआर भी कहा जाता है. बैंकिंग भाषा में यह वह दर है, जिस पर केंद्रीय बैंक (आरबीआई) देश में वाणिज्यिक बैंकों या वित्तीय संस्थानों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट में बदलाव से बाजार में पैसे का प्रवाह प्रभावित होता है.
Source : News Nation Bureau