रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट जारी की है. शुक्रवार को RBI ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि सितंबर 2019 में बैंक उपभोक्ताओं का भरोसा पिछले छह साल में सबसे ज्यादा निचले स्तर पर पहुंच गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक के बाद आज इस रिपोर्ट को जारी किया गया.
मौद्रिक नीति रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान स्थिति इंडेक्स सितंबर महीने में 89.4 तक पहुंच गया जो पिछले 6 सालों की तुलना में बेहद खराब है. इससे पहले साल 2013 में वर्तमान स्थिति इंडेक्स सबसे खराब दर्ज किया गया था. उस वक्त इंडेक्स गिरकर 88 पर पहुंच गया था.
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आरबीआई ने शहरों से 5 हजार उपभोक्ता की आर्थिक स्थिति पर राय मांगी. इसमें आर्थिक हालत, रोजगार, मूल्य स्तर और आमदनी और खर्च को लेकर सवाल पूछे जाते हैं. इसके आधार पर इंडेक्स तैयार किया गया. इस सर्वेक्षण में उपभोक्ता ने मौजूदा सरकार पर कम भरोसा जताया. सर्वेक्षण में साफ हुआ कि वर्तमान स्थिति और भविष्यकालीन अपेक्षा दोनों पैमाने पर उपभोक्ताओं ने असंतोष जताया है. जब वर्तमान स्थिति की दर 100 से ऊपर होती है तब उपभोक्ता आशावादी होते हैं और 100 से नीचे होने पर निराशावादी.
सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि नोटबंदी के बाद उपभोक्ताओं का विश्वास गिरा. बता दें कि सितंबर 2014 में वर्तमान स्थिति इंडेक्स 103.1 तक पहुंच गया था और दिसंबर 2016 तक, यह 100 से ऊपर रहा, उपभोक्ता आशावादी रहे. लेकिन अब उपभोक्ता का भरोसा तेजी से गिरा है.
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बता दें कि आज यानी शुक्रवार को अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयासों के क्रम में भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) ने अपनी प्रमुख नीतिगत दर में लगातार पांचवीं बार कमी की है. आरबीआई ने इस मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में रेपो दर 25 आधार अंक घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया है, जिससे इस साल रेपो दर में कुल कटौती 135 आधार अंक पहुंच गई है. इससे लोन लेने वालों को फायदा होगा. कार लोन और होम लोन सस्ता हो जाएगा.