RBI Credit Policy 2020: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दरों (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं करेगा. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए गैर-परंपरागत नीतिगत उपाय कर सकती है. रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की तीन दिन की बैठक चार अगस्त को शुरू होगी. बैठक के नतीजों की घोषणा छह अगस्त को की जाएगी.
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अगस्त में रिजर्व बैंक दरों में नहीं करेगा कटौती: रिपोर्ट
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट-इकोरैप (SBI Ecowrap Report) में कहा गया है. हमारा मानना है कि अगस्त में रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) दरों में कटौती नहीं करेगा. हमारा मानना है कि एमपीसी की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि मौजूदा परिस्थतियों में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए और क्या गैर-परंपरागत उपाय किए जा सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है. बैंकों ने ग्राहकों को नए कर्ज पर इसमें से 0.72 प्रतिशत कटौती का लाभ दिया है.
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2020-21 में वित्तीय बचत में होगा इजाफा: SBI Ecowrap Report
कुछ बड़े बैंकों ने तो 0.85 प्रतिशत तक का लाभ स्थानांतरित किया है. रिपोर्ट कहती है कि इसकी वजह यह है रिजर्व बैंक ने नीतिगत उद्देश्यों को पाने के लिए आगे बढ़कर तरलता को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने वित्तीय परिसंपत्तियां रखने को प्राथमिकता दी है. इससे देश में वित्तीय बचत को प्रोत्साहन मिला है. रिपोर्ट कहती है कि हमारा अनुमान है कि 2020-21 में वित्तीय बचत में इजाफा होगा. इसकी एक वजह लोगों द्वारा एहतियाती उपाय के तहत बचत करना भी है.