Fixed Deposit Rates: फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला निवेश का एक अहम साधन है. FD के जरिए आप बचत खाता (Saving Account) के मुकाबले ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट में निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त रकम जमा कर ब्याज कमाया जा सकता है. सामान्तया FD के तय नियमों के मुताबिक पैसा परिपक्वता (Maturity) से पहले निकाला नहीं जा सकता. हालांकि कुछ जुर्माने का भुगतान करके इसे निकाला जा सकता है.
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बता दें कि अगस्त में रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती के बाद कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की दरों में कटौती की है. मौजूदा समय में अगर कोई निवेशक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में पैसा लगाना चाहते हैं तो उनके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन से बैंक कितना ब्याज (Interest) फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर दे रहे हैं. आज की इस रिपोर्ट में हम भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India-SBI) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) द्वारा फिक्स्ड डिपॉडिट के ऊपर मिलने वाले ब्याज दरों पर चर्चा करेंगे.
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भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India-SBI)
जमा अवधि | ब्याज दर (Interest) |
7 दिन - 45 दिन | 4.5 फीसदी |
46 दिन - 179 दिन | 5.50 फीसदी |
180 दिन - 210 दिन | 5.80 फीसदी |
211 दिन - 1 साल | 5.80 फीसदी |
1 साल - 2 साल | 6.50 फीसदी |
2 साल - 3 साल | 6.25 फीसदी |
3 साल - 5 साल | 6.25 फीसदी |
5 साल - 10 साल | 6.25 फीसदी |
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
जमा अवधि | ब्याज दर (Interest) |
7 दिन - 14 दिन | 4 फीसदी |
15 दिन - 29 दिन | 4.25 फीसदी |
30 दिन - 45 दिन | 5 फीसदी |
46 दिन - 60 दिन | 5.50 फीसदी |
61 दिन - 90 दिन | 5.50 फीसदी |
91 दिन - 120 दिन | 5.50 फीसदी |
121 दिन - 184 दिन | 5.50 फीसदी |
185 दिन - 289 दिन | 6 फीसदी |
290 दिन - एक साल | 6.25 फीसदी |
एक साल - 389 दिन | 6.60 फीसदी |
390 दिन - डेढ़ साल | 6.60 फीसदी |
डेढ़ साल - दो साल | 7 फीसदी |
2 साल - 3 साल | 6.90 फीसदी |
3 साल - 5 साल | 6.90 फीसदी |
5 साल - 10 साल | 6.90 फीसदी |
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की खासियत - Feature of Fixed Deposit (FD)
निवेशक अतिरिक्त पैसे को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करके ब्याज के रूप में रिटर्न हासिल कर सकते हैं. आयकर अधिनियम 1961 के मुताबिक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.