SBI Ecowrap Report: लंबे समय तक सुस्ती से भारत को विदेश व्यापार के मोर्चे पर हो सकता है नुकसान

SBI Ecowrap Report: वर्ष 2020- 21 के दौरान विदेश व्यापार के मोर्चे पर ध्यान रखना होगा क्योंकि आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती जारी रहने से विदेश व्यापार के मोर्चे पर गणित गड़बड़ा सकता है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
sbi

SBI Ecowrap Report( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

SBI Ecowrap Report: देश की आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती छाये रहने का भारत के विदेश व्यापार क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. वर्तमान में यह बाहरी क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के नरम दाम के चलते संतोषजनक स्थिति में है. स्टेट बैंक (Reserve Bank Of India) की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. एसबीआई (SBI) शोध की इकोरैप रिपोर्ट (Ecowrap Report) के मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष की समाप्ति चालू खाते में अधिशेष की स्थिति के साथ कर सकता है.

यह भी पढ़ें: Closing Bell: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स में करीब 83 प्वाइंट की मजबूती, निफ्टी 10,150 के पार

इसमें कहा गया है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार नीचे बने रहते हैं और वर्ष के दौरान उनमें कोई उठापटक नहीं आती है तो भारत की स्थिति बाहरी मोर्चे पर बेहतर रह सकती है. इसमें कहा गया है कि हमें वर्ष 2020- 21 के दौरान विदेश व्यापार के मोर्चे पर ध्यान रखना होगा क्योंकि आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती जारी रहने से विदेश व्यापार के मोर्चे पर गणित गड़बड़ा सकता है, खासतौर से रुपये की विनिमय दर पर असर पड़ सकता है. रिपोर्ट में इस बात पर गौर किया गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वर्ष 2016- 17 में 8.3 प्रतिशत से घटकर 2019- 20 में 4.2 प्रतिशत पर आ गया है.

यह भी पढ़ें: Coronavirus (Covid-19): अमेरिका में मच सकता है हाहाकार, 1946 के बाद की सबसे बड़ी मंदी की आशंका

अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत तक कमी होने का अनुमान
वहीं चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत तक कमी होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इससे कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि दर में 9 प्रतिशत गिरावट का संकेत मिलता है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते वर्ष 2019- 20 के मुकाबले यह नौ प्रतिशत की बड़ी गिरावट होगी। इसमें हमारी बाहरी मोर्चे पर वहनीय स्थिति बने रहना ही अच्छी बात है. जून 2019 में जीडीपी के मुकाबले कुल बाहरी ऋण 19.8 प्रतिशत के अनुपात पर बना रहा. कोविड- 19 के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 18 मई तक प्रतिदिन एक लाख से कम परीक्षण हो रहे थे, लेकिन इसके बाद यह संख्या एक लाख प्रतिदिन तक पहुंच गई. जून के पहले सात दिनों के दौरान भारत में औसतन 1.32 लाख कोविड- 19 परीक्षण किये गये। वहीं छह और सात जून को यह संख्या 1.40 लाख प्रतिदिन से ऊपर निकल गई। रिपोर्ट में कहा गया कि शायद यही वजह रही कि संक्रमण के नये मामले तेजी से बढ़ते दिखने लगे हैं.

GDP sbi State Bank Of India Latest SBI News SBI report SBI Ecowrap Report State Bank Latest News
Advertisment
Advertisment
Advertisment