देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India-SBI) ने बुधवार को विभिन्न अवधि के लिए ‘कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर’ (एमसीएलआर-MCLR) में 0.15 प्रतिशत तक की कटौती की है, जो 10 मार्च से प्रभावी होगी. बैंक ने एक साल अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है, जो 7.85 प्रतिशत से घटकर 7.75 प्रतिशत हो गई है.
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SBI ने चालू वित्त वर्ष में लगातार 10वीं बार घटाया MCLR
एसबीआई ने ने चालू वित्त वर्ष में लगातार 10वीं बार एमसीएलआर कटौती की है. एक दिन अवधि के और एक महीने के लिए एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की कटौती कर इसे 7.45 प्रतिशत कर दिया गया है. तीन माह अवधि के लिए एमसीएलआर को 7.65 प्रतिशत से घटाकर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 0.10 प्रतिशत घटाकर क्रमश: 7.95 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है.
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यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने MCLR में 0.10 फीसदी की कटौती की
बता दें कि यूनियन बैंक आफ इंडिया (Union Bank of India-UBI) ने भी अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर-MCLR) में 0.10 प्रतिशत कटौती करने का ऐलान किया है. ब्याज दरों में यह कटौती आज यानि बुधवार (11 मार्च) से प्रभावी होगी. बैंक की विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. मुंबई स्थित इस बैंक की ओर से जुलाई 2019 के बाद से यह लगातार नौवीं बार दर में कटौती की गई है.
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क्या होता है MCLR - What is MCLR
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं. इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बेंचमार्क दर होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है. (इनपुट भाषा)