भारतीय स्टेट बैंक (State Bank-SBI) के ताजा फैसले से उसके ग्राहकों को बड़ा झटका लगने जा रहा है. दरअसल, SBI ने होम लोन (Home Loan), कॉर्पोरेट (Corporate) और बिल्डर्स (Builders) को मिलने वाले कर्ज पर अब प्रोसेसिंग फीस (Processing Fees) वसूलने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक के सर्कुलर के अनुसार फेस्टिव ऑफर (Festive Offer) की समयसीमा को 31 दिसंबर से घटाकर 15 अक्टूबर 2019 कर दिया गया है.
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पहले 31 दिसंबर तक प्रोसेसिंग फीस नहीं लेने का फैसला लिया गया था
गौरतलब है कि SBI ने ग्राहकों के लिए फेस्टिव ऑफर लॉन्च किया था जिसके तहत 31 दिसंबर 2019 तक लोन के ऊपर प्रोसेसिंग फीस नहीं लेने का फैसला लिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब ग्राहक 15 अक्टूबर तक ही लोन के ऊपर इस ऑफर का लाभ उठा पाएंगे. 15 अक्टूबर के बाद लोन के ऊपर इस ऑफर का लाभ नहीं मिलेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SBI ने अपनी कम हो रही कमाई की वजह से समयसीमा को घटा दिया है.
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बता दें कि RBI ब्याज दरों में लगातार कटौती कर रहा है. RBI के ब्याज दरों में कटौती की वजह से अन्य बैंकों को भी अपनी दरें कम करनी पड़ रही हैं. ब्याज दरें कम होने की वजह से बैंकों की आय कम हो गई है. SBI ने अपने कर्ज की दर को 1 जुलाई 2019 से रेपो रेट से जोड़ दिया था. बता दें कि रेपो रेट से जुड़ने से पहले SBI सबसे सस्ता लोन ऑफर कर रहा था. वहीं रेपो रेट से जुड़ने के बाद उसकी ब्याज दरें और घट गई हैं.
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कितनी है प्रोसेसिंग फीस
मौजूदा समय में प्रोसेसिंग फीस 0.40 फीसदी के आस-पास है. व्यक्तिगत उधारकर्ता (Individual Borrowers) के लिए प्रोसेसिंग फीस न्यूनतम 10,000 रुपये और अधिकतम 30,000 रुपये तक हो सकती है. बता दें कि पिछले दिनों बिल्डर्स के लिए 5,000 रुपये प्रोसेसिंग फीस लागू की गई थी.