भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि यस बैंक (Yes Bank) की समस्या सिर्फ उससे जुड़ी है, यह पूरे बैंकिंग क्षेत्र की समस्या नहीं है. कुमार यह बात रिजर्व बैंक के बृहस्पतिवार को यस बैंक पर रोक लगाने के अगले दिन कही. केंद्रीय बैंक ने निजी क्षेत्र के देश के चौथे सबसे बड़े बैंक यस बैंक के नया कर्ज बांटने, कर्ज पुनर्गठित करने और निवेश करने पर रोक के साथ-साथ उसके निदेशक मंडल को भी तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. इसके अलावा बैंक के ग्राहकों पर 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की पाबंदी लगायी है.
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यस बैंक में निवेश के अवसर तलाशने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिली
बृहस्पतिवार देर शाम एसबीआई के निदेशक मंडल ने यस बैंक में निवेश अवसर तलाशने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के साथ बैठक के बाद कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह यस बैंक के लिए एक पुनर्गठन योजना (रीस्ट्रक्चरिंग प्लान) लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि यस बैंक के मुद्दे का समाधान ‘बहुत जल्द’ हो जाएगा.
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कुमार ने कहा कि यह बैंकिंग क्षेत्र की दिक्कत नहीं है. यह सिर्फ बैंक से जुड़ी (यस बैंक) दिक्कत है. यस बैंक में एसबीआई के हिस्सेदारी खरीदने पर उन्होंने कहा कि बैंक को ऐसा करने की सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. स्टेट बैंक ने कहा है कि यस बैंक मामले में निवेश के सभी विकल्प खुले हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक YES Bank में भारतीय स्टेट बैंक 24.5 फीसदी हिस्सा खरीद सकता है.
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निवेशकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है. रिजर्व बैंक इसका समाधान निकालने के लिए काम कर रहा है. निवेशकों को किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं है. पीएमसी बैंक की ही तरह अगर अगर किसी को जरूरत हो तो वह आवेदन के जरिए बैंक से 50 हजार रुपये से अधिक पैसा निकाल सकता है.