Budget 2024: वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्व बजट 23 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करने वाली है. यह मोदी कैबिनेट 3.0 का पहला बजट है. इस बजट से देशवासियों की बहुत उम्मीदें हैं तो वहीं बिहार सरकार भी लगातार केंद्र सरकार से प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है. बिहार सरकार की यह मांग कोई नई नहीं है. पिछले दो दशक से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठ रही है. जब भी देश में या बिहार में कोई चुनाव होने वाला होता है, प्रदेश की राजनीति में विशेष राज्य के दर्जे की मांग तेज हो जाती है.
जानें स्पेशल स्टेट का दर्जा मिलने से क्या होता है फायदा?
आपको बता दें कि स्पेशल स्टेट्स का दर्जा उन राज्यों को दिया जाता है, जो अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़े हुए होते हैं. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्र सरकार ऐसे राज्यों पर ज्यादा ध्यान देती है और उस क्षेत्र को विकसित किया जाता है. इसके साथ ही विशेष राज्य का दर्जा दिए गए प्रदेश को कई तरह की छूट भी दी जाती है. केंद्र सरकार ऐसे राज्यों को विशेष पैकेज और टैक्स में भी छूट देती है. विशेष राज्य के दर्जे वाले राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले फंड का राज्यों को सिर्फ 10 फीसदी कर्ज देना पड़ता है, बाकी 90 फीसदी अनुदान केंद्र की तरफ से दिया जाता है. वहीं, इस 10 फीसदी पर भी राज्यों को किसी प्रकार का कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है.
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बिहार 2 दशक से कर रहा है मांग
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग नीतीश कुमार ने सबसे पहले उठाया था. जब 2005 में नीतीश कुमार पहली बार सीएम बने थे, उसी समय उन्होंने स्पेशल स्टेट के दर्जे की मांग उठाई थी. बिहार के प्रति व्यक्ति आय देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है. बिहार की गिनती गरीब राज्यों में की जाती है. साथ ही प्रदेश में हर साल बाढ़ और सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आती है, जिसकी वजह से कृषि पर निर्भर राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो इससे राज्य को काफी फायदा पहुंचेगा.
HIGHLIGHTS
- बजट से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की उम्मीद
- नीतीश कुमार ने सबसे पहले उठाई थी मांग
- जानिए विशेष राज्य के दर्जे से क्या होता है फायदा
Source : News State Bihar Jharkhand