भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल को 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जबकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के लिये वित्त वर्ष 2019-20 में 35.55 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिये एक फरवरी को पेश किये गए अपने अंतरिम बजट में लोकपाल के लिये वर्ष 2018-19 में निर्धारित 4.29 करोड़ रुपये की राशि में फेरबदल नहीं किया था.
भ्रष्टाचार निरोधक निकाय को इस साल मार्च में अपना अध्यक्ष और सदस्य मिले थे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को पेश किये गए बजट के मुताबिक लोकपाल के लिये 2019-20 में कुल 101.29 करोड़ की रकम निर्धारित की गई है.
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यह प्रावधान लोकपाल के लिये स्थापना एवं निर्माण संबंधी व्यय के उद्देश्य से किया गया है. लोकपाल अभी राष्ट्रीय राजधानी के एक पांच सितारा होटल से अपना काम कर रहा है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के अध्यक्ष के तौर पर पद की शपथ दिलाई थी.
न्यायमूर्ति घोष ने 27 मार्च को लेकपाल के आठ सदस्यों को पद की शपथ दिलाई थी. वहीं सीवीसी को मौजूदा वित्त वर्ष में 35.55 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है.