Budget 2020: बजट को पेश होने में कुछ ही दिन बचे हुए हैं. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) दूसरी बार आम बजट पेश करेंगी. बता दें कि मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.
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मुसीबत में है दोपहिया इंडस्ट्री
बजट से आम आदमी, नौकरी पेशा, हेल्थ, बैंकिंग, इंश्योरेंस, कपड़ा, रेलवे, कृषि सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें हैं. वहीं एक सेक्टर ऐसा भी है जो पिछले कुछ समय से काफी संकटों से गुजर रहा है. जी हां हम बात कर रहे हैं ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) की. ऑटो इंडस्ट्री में खासकर दोपहिया वाहन उद्योग (Two Wheeler Industry) को पिछले कुछ समय में आर्थिक मोर्चे पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, इस इंडस्ट्री पर काफी बोझ बढ़ गया है.
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दोपहिया वाहन की लागत 25 फीसदी बढ़ी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब डेढ़ साल पहले इंश्योरेंस महंगा होने का असर इस इंडस्ट्री पर काफी नकारात्मक दिखाई पड़ा है. वहीं एबीएस (Anti Lock Braking system) सिस्टम जरूरी होने से दोपहिया वाहनों की लागत में भी इजाफा हो गया है. BS4 और BS6 नॉर्म्स से भी वाहनों की लागत काफी बढ़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए नियमों की वजह से दोपहिया वाहनों की लागत में 25 फीसदी तक का इजाफा हो गया है.
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दोपहिया वाहन इंडस्ट्री की उम्मीदें
जानकारों का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार निर्माण लागत को अगर कम करने पर जोर देगी तो ऑटो इंडस्ट्री को काफी राहत मिल जाएगी. उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से दोपहिया उद्योग में नई जान आएगी और सकारात्मक माहौल में काम कर पाएंगे. इंडस्ट्री ने सरकार से बजट में दोपहिया वाहनों के ऊपर से जीएसटी (GST) को कम करने की मांग की है. बता दें कि मौजूदा समय में पेट्रोल वाहनों के ऊपर 28 फीसदी जीएसटी लगती है. इंडस्ट्री इस दर को घटाकर 18 फीसदी तक करने की मांग है.