Budget 2020: वित्तमंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) कर हटाने का फैसला इसलिए नहीं लिया गया, क्योंकि सरकार को इससे अब तक कोई फायदा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बाजार की स्थिति खराब रहने के कारण इस कर की उपयोगिता की जांच नहीं हो पाई, इसलिए सरकार इससे प्राप्त रिटर्न का आकलन नहीं कर पाई है. उन्होंने यह बात बजट में इस कर को नहीं हटाने को लेकर पूछे गए सवाल पर कही.
यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today 3 Feb: 5 दिन में 50 पैसे लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल में भी मिली राहत
मार्केट ऊपर रहने पर आकलन संभव होता
वित्तमंत्री ने कहा कि अगर बाजार ऊंचा होता तो हम यह आकलन कर पाते कि इससे हमें कितनी राशि मिली. हमें कोई फायदा नहीं मिला इसलिए यह यथावत है. एलटीसीजी (LTCG) को यथावत रखने के फैसले के संबंध में वित्तमंत्री ने बताया कि बाजार ही नहीं बल्कि अनेक दूसरे लोगों की भी मांग थी. हमने कुछ समायोजन करने की कोशिश की. हमने डीडीटी का समायोजन किया, लेकिन एलटीसीजी का नहीं. उन्होंने कहा कि एलटीसीजी से कुछ फायदा हम देखते कि इससे पहले बाजार ने गोता लगाया और इससे हमें कोई बड़ा रिटर्न नहीं मिला.
यह भी पढ़ें: नई आयकर व्यवस्था में कुछ आयवर्ग के करदाताओं को निश्चित रूप से होगा फायदा: सीतारमण
2016 में तत्काली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने LTCG को दोबारा शुरू किया था
वित्तमंत्री ने कहा कि अगर कर बहुत कुछ नहीं दे रहा है, जो उसे वापस लेना सही नहीं है, क्योंकि हमें इसका आकलन नहीं भी नहीं है कि इससे क्या मिलेगा. बाजार में अधिकांश लोगों को अनुमान था कि सरकार इसे वापस ले सकती है. एक साल से अधिक समय के म्यूचुअल फंड इक्विटी (Mutual Fund Equity) में निवेश पर रिटर्न को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहा जाता है और इस पर किसी वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक की रकम पर 10 फीसदी कर लगता है.
यह भी पढ़ें: अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आ सकता है एलआईसी(LIC) का आईपीओ
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसे 2016 में दोबारा शुरू किया था. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020 में डीडीटी अर्थात डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को हटा दिया, लेकिन यह शेयरधारक की आय में शामिल रहेगी.