Budget 2020: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रही है. वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी दूसरी बार आम बजट (Union Budget 2020-21) पेश करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगामी बजट में करीब 50 उत्पादों के इंपोर्ट पर ड्यूटी (Import Duty) को बढ़ा सकती है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बजट में 50 उत्पादों के इंपोर्ट पर ड्यूटी को बढ़ाने को लेकर फैसला हो सकता है. दरअसल, भारत जिन उत्पादों के इंपोर्ट पर ड्यूटी लगाना चाहता है उसमें अधिकतर हिस्सेदारी चीन की है. ऐसे में भारत 56 अरब डॉलर इंपोर्ट को कम करना चाह रहा है, जिसमें यह 50 उत्पाद शामिल हैं. अगर इंपोर्ट पर ड्यूटी बढ़ती है तो मोबाइल फोन, मोबाइल फोन चार्जर, इंडस्ट्रियल केमिकल्स, लैम्प्स, वुडन फर्निचर, कैंडल्स, जूलरी और हैंडीक्रॉफ्ट महंगे हो सकते हैं.
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कितनी बढ़ सकती है इंपोर्ट ड्यूटी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार बजट में इन 50 उत्पादों के इंपोर्ट पर ड्यूटी में 5 फीसदी से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है. जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार गैर जरूरी उत्पादों के इंपोर्ट को कम करना चाहती है, ताकि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत घरेलू उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके.
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बजट में डेट लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (DLSS) की हो सकती है घोषणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगामी बजट में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Savings Scheme-ELSS) की तर्ज पर डेट लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Debt Linked Savings Schemes-DLSS) का ऐलान हो सकता है. म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (Association of Mutual Funds in India-AMFI) ने सरकार से DLSS
लाने का प्रस्ताव दिया है. DLSS के तहत कंपनी के बॉन्ड और डिबेंचर में 80 फीसदी तक निवेश किया जाएगा. इसके अलावा टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह 5 साल का लॉक-इन पीरिएड होगा.