Budget 2020: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार 1 फरवरी को देश की जनता के लिए आम बजट को पेश करने जा रही है. इस बजट को देश की वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पेश करेंगी. बता दें कि बतौर वित्त मंत्री सीतारमण दूसरी बार बजट पेश करेंगी. मौजूदा आर्थिक हालात जैसे अर्थव्यवस्था में धीमापन (Economic Slowdown) और महंगाई (Inflation) को लेकर यह बजट (Union Budget 2020-21) काफी अहम माना जा रहा है.
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किसान, आम आदमी, शेयर बाजार और कॉर्पोरेट्स सभी आने वाले बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं. हालांकि आने वाला बजट उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा या नहीं यह तो 1 फरवरी को ही पता लग पाएगा, लेकिन उससे पहले हमें बजट से जुड़ी हर वो छोटी से छोटी बात को जानना चाहिए ताकि हम बजट की सभी बारीकियों को आसानी से समझ सकें. इस रिपोर्ट में हम बजट के इतिहास के साथ ही उससे जुड़े रोचक तथ्यों के ऊपर चर्चा करेंगे.
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क्या है बजट का इतिहास
आसान शब्दों में कहें तो सरकार के सालाना आमदनी और खर्चों के लिए जारी की जाने वाली वार्षिक वित्त रिपोर्ट को ही 'आम बजट' कहते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में आय-व्यय के लेखा-जोखा का जिक्र किया गया है. अब हम बात करेंगे कि भारत में सबसे पहला बजट कब पेश किया गया था. तो इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1860 को हुई थी. इसी दिन भारत का पहला आम बजट पेश किया गया था. ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने इस बजट को पेश किया था. वहीं आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 में पेश किया था और संविधान गठन के बाद 28 फरवरी 1950 को पहला बजट पेश किया गया था.
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बजट बनाने में इन एजेंसियों की है महत्वपूर्ण भूमिका
बजट बनाने के लिए योजना आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, प्रशासनिक मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की बेहद अहम भूमिका होती है.
बजट कैसे होता है तैयार
बजट दरअसल वित्त मंत्रालय अन्य मंत्रालयों और नीति आयोग का साझा प्रयास है. ये सभी मिलकर ही बजट को तैयार करते हैं. बता दें कि सामान्तया सितंबर से बजट को तैयार की प्रक्रिया शुरू होती है और अक्टूबर से नवंबर के दौरान अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक करके चर्चा की जाती है. वित्त मंत्रालय इस बात की भी तस्दीक करता है कि किस विभाग को कितना फंड मिलेगा उसका खाका भी वहीं बनाता है.
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बजट से जुड़े अन्य रोचक तथ्य
चूंकि वित्तमंत्री का भाषण बेहद सुरक्षित दस्तावेज होता है, इसीलिए उस भाषण को बजट से दो दिन पहले छपने के लिए भेजते हैं. बजट की पहली ड्राफ्ट कॉपी वित्त मंत्री को ही दी जाती है. बता दें कि यह ड्राफ्ट पेपर नीले रंग का होता है. एक बात और कि बजट को पेश करने से पहले राष्ट्रपति की अनुमति लिया जाता है. उनकी मंजूरी मिलने के बाद बजट को मंत्रिमंडल के सामने रखा जाता है और वहां से मंजूरी मिलने के बाद बजट को दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाता है. आम बजट के दो हिस्से होते हैं. पहले हिस्से में आर्थिक सर्वेक्षण और नीतियों का ब्यौरा सरकार रखती है और दूसरे हिस्से में सरकार प्रत्यक्ष और परोक्ष कर के प्रस्ताव सामने रखती है.
Source : News Nation Bureau