महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने शनिवार को पेश केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया और कहा कि बजट में सबसे ज्यादा कर देने वाले महाराष्ट्र और मुंबई की अनदेखी की गई है. वहीं, महाराष्ट्र में विपक्षी भाजपा ने बजट 2020-21 की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और बजट में सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रावधान किए गए हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने पत्रकारों से कहा, इस बजट ने महाराष्ट्र और मुंबई को सबसे ज्यादा निराश किया है. मुंबई सबसे ज्यादा कर देता है, महाराष्ट्र केंद्र को सबसे ज्यादा कर देता है लेकिन उनकी पूरी तरह से अनदेखी की गई.
उन्होंने कहा कि यह बजट नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है. थोराट ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के केंद्र सरकार के दावे पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा तय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कृषि विकास दर 11 प्रतिशत होनी चाहिए लेकिन मौजूदा समय में यह दर दो फीसदी से अधिक नहीं बढ़ रही. थोराट ने कहा, ऐसे में वे किसानों की आय कैसे दुगुनी करेंगे? इसलिए यह स्पष्ट है कि उन्होंने झूठी घोषणा की है. बजट में 15 लाख तक के व्यक्तिगत आय वाले लोगों के लिए आयकर की नयी दरें लाई गई हैं बशर्ते वे पुरानी छूट और कटौती छोड़ दें. इस घोषणा का संदर्भ देते हुए शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा कि सरकार ने जो विकल्प पेश किया है उसमें कोई स्पष्टता नहीं है.
उन्होंने कहा, जैसे कौन कर लाभ नहीं लेना चाहेगा? मान लीजिए कि कोई जीवन बीमा या चिकित्सा बीमा में निवेश करता है तो वह क्यों नहीं कर लाभ लेगा? लोग मूल रूप से इस तरह का निवेश बीमा के साथ-साथ कर लाभ के लिए करते हैं. इसलिए इसमें स्पष्टता नहीं है. शिवसेना नेता ने एयर इंडिया जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बंद करने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, यह बड़ा झटका है. साथ ही, वे भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर आश्रित हो रहे हैं. करीब 29 करोड़ लोग एलआईसी में निवेश कर रहे हैं. इसका मतलब है कि सरकार की नजर जनता के पैसों पर है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता महेश तापसे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बड़े-बड़े वादे करती है लेकिन उसे पूरा नहीं करती. इससे निवेशकों, उद्योग जगत और उपभोक्ताओं का विश्वास टूट रहा है.
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उन्होंने कहा, शेयर बाजार की तात्कालिक नकरात्मक प्रतिक्रिया इसका उदाहरण है. तापसे ने कहा कि मौजूदा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)के आंकड़े सरकार के 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के दावे का अनुरूप नहीं है. राकांपा ने पांच नयी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार द्वारा पहले से घोषित 100 स्मार्ट सिटी में कथित रूप से बहुत कुछ नहीं बदला है.
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उन्होंने कहा, अगर भाजपा सकल घरेलू उत्पाद में उच्च वृद्धि को लेकर गंभीर है तो उसे वोट बैंक की राजनीति से निकलकर आम आदमी की आर्थिक समृद्धि पर ध्यान देना चाहिए. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के अनुरूप बजट में किसान, महिला, युवा, आदिवासी, कारोबारी, नौकरी पेशा सहित सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है पाटिल ने कहा, बजट समाज की महत्वकांक्षाओं को पूरा करने, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कमजोर वर्गों का ध्यान रखने पर केंद्रित है.