Budget 2020: भारत में जेम्स और ज्वैलरी कारोबार का बड़ा केंद्र जयपुर है और यहां के कारोबारियों को उम्मीद है कि मोदी सरकार (Modi Government) आगामी बजट (Union Budget 2020-21) में उनके हितों का खास ख्याल रखेगी. इंडस्ट्री ने बजट में कस्टम ड्यूटी घटाने की मांग है. साथ ही इस कारोबार से जुड़े कारीगरों के लिए एक अलग प्लेटफार्म बनाने की मांग की है.
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ज्वैलर्स की क्या हैं उम्मीदें
जेम्स एवं ज्वैलरी व्यापारियों को केंद्र सरकार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के गोल्ड कारोबार को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. जीएसटी (GST) के कारण छोटे व्यापारियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जेम्स और ज्वैलरी कारोबारी चाहते हैं कि वित्त मंत्री अपने बजट में रत्नों को तराशने और ज्वैलरी बनाने की मशीन के इंपोर्ट पर लगने वाले टैक्स भी खत्म कर दें. बता दें कि जयपुर पर्यटन का भी हब है. विदेशों से आने वाले पर्यटक यहां गोल्ड आइटम की खरीदारी करते हैं. केंद्रीय बजट में प्रावधान हो कि एयरपोर्ट पर विदेशी की जीएसटी वापस मिले. साथ ही ज्वैलरी से जुड़े कारीगरों को एक प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराने की मांग की है.
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कस्टम ड्यूटी घटाने की मांग कर रहे सर्राफा कारोबारी
सर्राफा कारोबारी (Jewellers) सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने की मांग कर रहे हैं. कस्टम ड्यूटी 8 प्रतिशत करने की मांग की है. कारोबारियों का कहना है कि कस्टम ड्यूटी के चलते सोने की स्मगलिंग बढ़ी है और व्यापारियों को एक नंबर में सोना मिलना मुश्किल हो गया है. गौरतलब है कि देश में जेम्स और ज्वैलरी कारोबार में 20 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
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इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि ये कारोबार अब एक बड़े उद्योग की शक्ल ले चुका है. इसलिए सरकार को इस क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो आगे चलकर ये उद्योग परेशानी में आ जाएगी. गौरतलब है कि मौजूदा समय में जयपुर में करीब 5 लाख लोग इस व्यापार से जुड़े हुए हैं. लिहाजा बजट से ज्वैलरी व्यापारियों को बजट से काफी उम्मीदें हैं.