मोदी सरकार (Modi Government) की शहरी आवाम के लिए महत्वाकांक्षी योजना 'सबके लिए घर' की डेडलाइन करीब आते देख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2021 (Budget 2021) में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत ब्याज दरों के रूप में बहुत बड़ी राहत दी है. इसके तहत ब्याज पर मिलने वाले लाभ को अगले साल मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है. पहले यह स्कीम इसी साल मार्च 2021 को खत्म हो रही थी. इस तरह वित्त मंत्री ने कोरोना मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट को उबारने की कोशिश की है.
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अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम मार्च 2022 तक लागू रहेगी
उन्होंने बजट में घोषणा की है कि अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम मार्च 2022 तक लागू रहेगी. यानी अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का दायरा एक साल बढ़ा दिया गया है. सस्ते मकान की खरीद के लिए 1,50,000 रुपये तक अतिरिक्त कटौती को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव है. सस्ती आवास परियोजनाओं को आयकर अधिनियम की धारा 80 आईबीए के तहत टैक्स छूट मिलती है. सीतारमण ने अपने पिछले बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग के ब्याज पर 3.50 लाख रुपये तक की छूट का प्रस्ताव दिया था. 45 लाख रुपये तक के सस्ते मकाने के लोन पर ब्याज की छूट मिलती है.
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2022 तक सभी के लिए घर
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक सभी के लिए घर का वादा किया है. रियल एस्टेट को उम्मीद थी कि इस बजट में इसे सेक्टर का दर्जा मिल जाएगा, जिससे इसकी हालत में सुधार होगा. केंद्र सरकार ने पिछले कुछ समय में रीयल एस्टेट सेक्टर की मांग बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए, लेकिन उम्मीद के मुताबिक घरों की मांग में बढ़ोतरी नहीं दिखी. घरों की मांग में जो बढ़ोतरी देखने को मिली उसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि होम लोन की ब्याज दरें अधिकतर लोगों के लिए 7 फीसदी से भी नीचे आ गई. रीयल एस्टेट का योगदान देश की अर्थव्यवस्था में आठ फीसदी है, लेकिन अभी संकट से जूझ रहा है. जीएसटी और रीयल एस्टेट कानून रेरा के लागू होने के बाद पारदर्शिता आई है.