सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने देश का आम बजट (Budget 2021-22) पेश किया. वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कृषि क्षेत्र का जिक्र भी किया. उन्होंने इस भाषण में किसानों के लिए बहुत सी घोषणाएं की जिससे कि उन्हें तत्काल फायदा मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार की किसानों की आमदनी दोगुना करने की दिशा की ओर काम कर रही है.
वहीं यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, इस बजट में राजग सरकार ने यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि किसानों के खातों में पहुंचाई है. वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है, दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, 'कृषि खरीद में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है.' वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि मंडियों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए कृषि फंड उपलब्ध करवाया जायेगा.
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विपक्ष ने कृषि सेक्टर पर बोलते समय किया हंगामा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने हर सेक्टर से किसानों की मदद की है. उन्होंने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने धान, गेहूं और दाल समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई. वहीं जैसे ही उन्होंने सदन में ये कहा कि, 'ये बजट किसानों के लिए समर्पित' सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. आपको बता दें कि सदन में ये हंगामा काफी देर तक चलता रहा. विपक्ष ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सदन में ही नारेबाजी की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि स्वामित्व योजना को अब देशभर में लागू किया जाएगा. कृषि के क्रेडिट कार्ड के लक्ष्य को ये सरकार 16 लाख करोड़ तक पहुंचाने जा रही है. उन्होंने ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा और किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा.
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तमिलनाडु में मत्यस्य पालन का किया ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ये फिशिंग हार्बर तमिलनाडु में विकसित किए जाएंगे. तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि दाल के मामले में वर्ष 2013-14 में किसानों को कुल 263 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 10,530 करोड़ रुपये हो गया. सीतारमण ने कहा, 'मत्स्य पालन के लिए, हम आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में पांच प्रमुख बंदरगाह विकसित करेंगे. उन्होंने किसानों के लिए समुद्री शैवाल की खेती को एक उभरता हुआ क्षेत्र बताया साथ ही ये भी कहा कि जो किसान ऐसे इलाकों से हैं जहां शैवाल की खेती संभव है ऐसे किसानों का जीवन इसकी खेती से बदल सकता है.
Source : News Nation Bureau