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Budget 2021: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, कृषि कानूनों पर तकरार के बीच कर्जमाफी पर विचार कर सकती है सरकार

Budget 2021: जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार देशभर के किसानों को खुश करने के लिए कर्जमाफी योजना पर भी विचार कर सकती है.

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Dhirendra Kumar
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Budget 2021: Farmer

Budget 2021: Farmer( Photo Credit : IANS )

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Budget 2021: कृषि सुधार पर तकरार के बीच मोदी सरकार आगामी बजट में किसानों से जुड़े उन मसलों पर भी गौर कर सकती है, जो पूरे देश के किसानों से जुड़ा है. किसानों का कर्ज माफ करना एक अहम मसला है जो पूरे देश के किसानों से जुड़ा है और भारत में किसानों की कर्जमाफी लोकलुभावन योजनाओं में शामिल रही है. मगर, मोदी सरकार ने कर्जमाफी के बजाए किफायती दरों पर किसानों को कर्ज मुहैया करवाने की योजना को तवज्जो दिया. साथ ही, खेती-किसानी के काम में आर्थिक मदद के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान-निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की जो मोदी सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजना है. 

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कर्जमाफी के ऐलान से किसानों को मिलती है बड़ी राहत
जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार देशभर के किसानों को खुश करने के लिए कर्जमाफी योजना पर भी विचार कर सकती है. इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि सरकार जब कर्जमाफी का ऐलान करती है तो कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को बड़ी राहत मिलती है और सरकार के प्रति किसानों का भरोसा बढ़ता है. आज जब नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन से सरकार पर किसानों में असंतोष की भावना पनपने लगी है, तब कर्जमाफी की योजना उनका भरोसा जीतने में काफी हद तक मददगार साबित हो सकती है.

किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की बैठक रही बेनतीजा 
देश के किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के मकसद से कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के लिए दो नए कृषि कानून लाने और पहले से मौजूद एक कानून में संशोधन किया है। लेकिन इन कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा से उठी आवाज अब देश के अन्य प्रांतों तक पहुंचने लगी है. नये कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसान दो महीने से अधिक समय से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की बैठकें बेनतीजा रहने के बाद अब बातचीत भी बंद है.

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मालूम हो कि जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था, तब किसानों की विभिन्न मांगों में कर्जमाफी भी एक प्रमुख मांग थी. जानकार बताते हैं कि शुरूआत में पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे थे और देश के अन्य हिस्सों के किसानों को इस आंदोलन से जोड़ने के लिए कृषि कर्जमाफी का मसला जोड़ा गया था. मगर, सरकार के साथ विभिन्न दौर की वार्ताओं के दौरान कर्जमाफी की मांग प्रमुख मुद्दों से हट गया. किसानों ने सिर्फ उन्हीं मांगों पर सरकार के साथ बातचीत की जो मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों से संबंधित है.

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किसानों की कर्जमाफी के मसले पर सरकार के विचार करने के पीछे एक और तर्क दिया जा रहा है कि देश में किसानों की सबसे बड़ी आबादी वाला सूबा उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भी एक संगठन किसान आंदोलन में मुखर है. इसलिए, कृषि ऋणमाफी योजना लाए जाने से उत्तर प्रदेश के किसानों का भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र और राज्य की सरकारों के प्रति भरोसा बढ़ सकता है.

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