कोविड महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस वर्ष संसद में पेश आम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. सोमवार को सदन में बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि छह वर्षो में 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 'पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत' योजना शुरू की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में कोविड वैक्सीन की खरीद एवं वितरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये की पूरक राशि भी प्रस्तावित है.
बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार देश भर में 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर का निर्माण कराएगी. वर्ष 2021-2022 के लिए स्वास्थ्य एवं जन-कल्याण के लिए कुल 2,23,846 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. इसकी मदद से राष्ट्रीय संस्थानों के साथ-साथ प्राइमरी व सेकंडरी हेल्थकेयर सुविधाओं को और विकसित किया जा सकेगा.
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उन्होंने कहा कि सरकार इस मद में और धन मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. स्वास्थ्य व कल्याण के लिए बजट परिव्यय 2,23,846 करोड़ रुपये है जो 137 प्रतिशत अधिक है. सीतारमण ने कहा कि इन बजट प्रस्तावों से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व कल्याण, समावेशी विकास, नवाचार समेत छह स्तम्भों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने बजट की तारीफ की. कहा, 'यह बजट बेहतरीन है. खासतौर से स्वास्थ्य और टीकों से जुड़ी घोषणाएं. कोई भी देश इस पर अपना अच्छा निवेश कर सकता है. एक स्वस्थ्य भारत अधिक प्रोडक्टिव भारत है.'
Great #Budget2021 announcements, @nsitharaman Ji, especially on healthcare and vaccines; this is the best investment any country can make. A healthier India is a more productive India.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) February 1, 2021
वहीं बजट को लेकर कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की, "केंद्रीय बजट एक प्रगतिशील एवं व्यापक आर्थिक दस्तावेज है जो अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र के संरचित विकास को न केवल सुनिश्चित करता है. बल्कि देश के वरिष्ठ अधिकांश नागरिकों को कर के बोझ से राहत देना और स्वास्थ्य क्षेत्र और उसमें सेवाओं के मजबूत विकास को सुनिश्चित करना इस बजट की मुख्य विशेषता है." कैट के अनुसार इस बार के बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है, जिससे ये बजट और भी प्रभावी बन जाता है, हालांकि देश भर में पिछले एक पखवाड़े से नए कर लगाने की तमाम अटकलें लगाई जा रहीं थी, जिन पर अब विराम लग गया है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की, "हम वित्त मंत्री से असहमत हैं क्योंकि जीएसटी को तर्कसंगत बनाया गया है जबकि ठीक इसके विपरीत जीएसटी अत्यधिक जटिल कर प्रणाली बन गई है." उन्होंने आगे कहा, "साथ ही इस बात का गहरा अफसोस है कि भारत के खुदरा व्यापार के लिए कोई समर्थन नीति घोषित नहीं की गई है, जो 80 लाख करोड़ से अधिक का वार्षिक कारोबार करता है और देश में लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है."
बजट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के उन्नयन में मील का पत्थर बताया है. मुख्यमंत्री योगी ने आज यहां अपने जारी बयान में कहा कि, "वर्तमान आम बजट लोक कल्याणकारी,सर्वसमावेशी तथा आत्मनिर्भर भारत की मंशा के अनुरूप है. बजट में किसान, मध्य वर्ग, गरीब, महिलाओं समेत प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा गया है. यह अर्थव्यवस्था को गति देने एवं देश के हर नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य करेगा. भारतीय अर्थव्यवस्था के उन्नयन में मील का पत्थर साबित होगा. इसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों का सर्वागीण विकास सुनिश्चित होगा."
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा सोमवार को पेश केंद्रीय बजट को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागतयोग्य बताया है. उन्होंने इसे संतुलित बजट बताते हुए इसके लिए केंद्र सरकार को बधाई भी दी है.
नीतीश ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "कोविड महामारी और राजस्व संग्रहण में दिक्कतों के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा संतुलित बजट पेश किया गया. यह स्वागत योग्य है. मैं एक संतुलित बजट प्रस्तुत करने के लिए केंद सरकार को बधाई देता हूं." मुख्यमंत्री ने अगे कहा कि 2021-22 के लिए 34़8 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, जो वर्ष 2020-21 के अनुमानित बजटीय खर्च 30.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ओर से असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के राज्यों को बजट का एक बड़ा हिस्सा देने के लिए आलोचना की. इन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. साथ ही विपक्ष ने बजट को 'रोड फॉर वोट' और जुमलों से भरा बताया. कांग्रेस असम के प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा, "मतलब, भाजपा सरकार ने संसद को विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी घोषणा पत्र लॉन्च करने की जगह बना दिया है. यह बजट जुमलों से भरे चुनाव घोषणापत्र से ज्यादा कुछ नहीं है."
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने केंद्र सरकार के बजट को निराशाजनक बताया है. कमलनाथ ने केंद्र सरकार के आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि, "कोरोना की महामारी के भीषण संकट काल के समय आज आये देश के इस आम बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदे थीं, लेकिन इस बजट से आमजन को भारी निराशा हुई है."
उन्होंने आगे कहा, "कोरोना महामारी में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए आमजन को राहत देने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान वर्ग जो अपने हक को लेकर सड़कों पर पिछले दो माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहा है. उसके लिए इस बजट में कुछ नहीं है, सिर्फ झूठे वादे, वर्षों पुराना आय दोगुनी का एक बार फिर वादा, एक तरफ नये कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था को खत्म करने का काम और आज बजट में मंडी व्यवस्था को मजबूत करने का झूठा वादा, झूठे वादों से गुमराह करने का काम है."
Source : News Nation Bureau