Budget 2021: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट 1 फरवरी 2021 को पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इनकम टैक्स की दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश किया है.
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गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था. आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि बजट में वित्त मंत्री के द्वारा की गई घोषणाओं का टैक्सपेयर्स के ऊपर क्या असर पड़ने जा रहा है.
75 साल से अधिक उम्र के लोगों को रिटर्न भरने से आजादी
वित्त मंत्री ने 75 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को आयकर रिटर्न भरने से राहत दी है. हालांकि इसका यह अर्थ नहीं है कि 75 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को रिटर्न फाइल नहीं करना होगा. दरअसल, नए नियम के दायरे में 75 साल से ज्यादा उम्र के वो लोग जिन्हें पेंशन या एफडी समेत अन्य निवेश के माध्यम ब्याज मिलता है. सिर्फ ऐसे लोगों को रिटर्न नहीं फाइल करना होगा. ऐसे लोगों का बैंक में ही टीडीएस कट जाएगा. हालांकि अगर आय का स्रोत कुछ और है तो रिटर्न फाइल करना होगा. का माध्यम कुछ और है, मसलन कारोबार आदि है तो रिटर्न भरना होगा।
समय सीमाओं में कमी
अनुपालन बोझ में कमी लाने के लिए निर्धारण पुनः खोले जाने की समय-सीमा संगत निर्धारण वर्ष समाप्ति से चालू 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दी गई है. केवल उन्हीं मामलों में 10 वर्ष तक के लिए पुनः खोले जाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है, जिनमें एक वर्ष के लिए 50 लाख रुपये या अधिक की अप्रकट की गई आमदनी का साक्ष्य हो. इसके अतिरिक्त यह भी प्रस्ताव है कि पुनः खोले जाने में विवेकाधिकार को पूरी तरह हटा दिया जाए और अबसे केवल ऐसे मामलों में पुनः खोले जाने
की कार्रवाई की जाएगी जो डाटा एनेलेटिक्स सीएंडएजी की आपत्ति के आधार पर प्रणाली दिया इंगित किया जाए.
लाभांश के लिए राहत
करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए लाभाशं (Dividend) आय पर अग्रिम करदेयता लाभांश की घोषणा/भुगतान के बाद ही उत्पन्न होगी. स्थावर संपदा अवसंचरना न्यासों या अवसंचरना निवेश न्यासों (आरईआईटी/आईएनवीआईटी) को प्रदत्त लाभांश टीडीसी से मुक्त होंगे.
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विवाद से समाधान समित का गठन करने का ऐलान
मुकदमों को कम करने के लिए और छोटे करदाताओं के लिए विवाद समाधान में तेजी लाने के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित किए जाने का प्रस्ताव है. 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी और 10 लाख रुपये तक की आमदनी की विवादित आमदनी वाले करदाता इस समिति से संपर्क करने के लिए पात्र होंगे.
फेसलेस आयकर अपीलीय अधिकरण
पारदर्शी कर अपीलीय तंत्र उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में प्रस्ताव दिया है. इसके तहत आयकर अपीलीय अधिकरण को फेसलेस और अधिकार क्षेत्र विहीन किया जाए. एक राष्ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय अधिकरण केंद्र स्थापित किया जाएगा.
शहरी सहकारिता बैंक को लघु वित्त बैंक में परिवर्तित करने पर कर तटस्थता
शहरी सहकारिता बैंक का लघु वित्त बैंक में संक्रमण मुक्त सुकर करने के लिए प्रस्ताव है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि इस संक्रमण के लिए कर तटस्थता उपलब्ध कराई जाए.
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किफायती आवास एवं किफायती किराया आवासन परियोजना के लिए कर प्रोत्साहन
किफायती आवास की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने प्रस्ताव दिया है. इसके तहत किफायती घर की खरीद हेतु लिए गए कर्ज के लिए प्रदत्त 1.5 लाख रुपये ब्याज के लिए अतिरिक्त कटौती का दावा करने के लिए पात्रता अवधि 31 मार्च 2020 तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है.
स्टार्टअप्स के लिए कर लाभ
देश में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप खोले जाएं इसको प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव वित्त मंत्री ने दिया है. इसके तहत स्टार्टअप के लिए कर अवकाश का दावा करने की पात्रता अवधि और एक वर्ष यानि 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी जाए. स्टार्टअप किए गए निवेश के लिए पूंजीगत लाभ छूट का दावा करने हेतु पात्रता अवधि और एक वर्ष यानि 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी जाए.
यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान (यूलिप) के कराधान को युक्तिसंगत बनाना
यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान (यूलिप) के कराधान को युक्तिसंगत बनाने के लिए प्रस्ताव है कि 2.5 लाख रुपये तक के वार्षिक प्रीमियम वाले यूलिप की परिपक्वता अवधि के लिए कर रियायत की अनुमति दी जाए. हालांकि, मृत्यु पर प्राप्त धनराशि वार्षिक प्रीमियम पर बिना किसी सीमा के मुक्त बनी रहेगी. यूलिप के वार्षिक प्रीमियम पर 2.5 लाख रुपये के ऊपरी सीमा 1.2.2021 को या उसके बाद ली गई पॉलिसी पर भी लागू होगी.
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लेखा परीक्षा से से छूट
डिजीटल अंतरणों को प्रोत्साहित करने के लिए और अपने लगभग सभी अंतरण डिजीटल माध्यम से करने वाले व्यक्ति के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है कि ऐसे व्यक्ति कर लेखा-परीक्षा की सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये की जाए जो अपने 95 फीसदी अंतरण डिजीटल माध्यम से करते हैं.