वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने Budget 2022-23 पेश करना शुरू कर दिया है. जिसमें उन्होंने महिलाओं, बच्चों, युवाओं से जुडी कई अहम घोषणा की हैं. इस दौरान बच्चों के भविष्य का खासतौर से ख्याल रखा गया है. जो पिछले दो सालों से महामारी के चलते खतरे में नज़र आ रहा है. हालांकि, Budget 2022-23 में उनका भविष्य संवारने की कोशिश की गई है. आज हम वित्त मंत्री द्वारा बच्चों के लिए किए गए ऐलान पर बात करेंगे.
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोविड पैनडेमिक के चलते बच्चों की पढ़ाई रुक सी गई है. करीब दो सालों से उनकी पढ़ाई अस्थिर चल रही है. जिसके चलते बच्चों के भविष्य को खतरा हो सकता है. ऐसे में बच्चों के भविष्य का ख्याल रखते हुए Budget 2022-23 में अहम फैसला लिया गया है. सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बताया कि पीएम ई-विद्दा प्रोग्राम के तहत 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' का विस्तार किया जाएगा. इसके तहत सभी राज्य क्षेत्रिय भाषा में 12-200 टीवी चैनल मौजूद कराएंगे. साथ ही पढ़ाई की ये व्यवस्था इंटरनेट पर भी मौजूद होगी. जिससे 1-12वीं तक के बच्चों की शिक्षा में किसी तरह की कोई रुकावट या अस्थिरता न हो. साथ ही वित्त मंत्री ने डिजिटल युनिवर्सिटी की भी बात की. जहां बच्चों के लिए स्टडी मटेरियल मौजूद होंगे. साथ ही वे अपने डाउट्स भी क्लियर कर सकेंगे.
आपको बताते चलें कि बच्चों के लिए Budget 2022-23 से क्या अपेक्षाएं थी. कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन (Kailash Satyarthi Foundation) की कार्यकारी निदेशक ज्योति माथुर ने कहा कि केंद्रीय बजट में बच्चों के लिए बजट आवंटन के कुल प्रतिशत हिस्से में सुधार किया जाना चाहिए. इसे कम से कम 2020-21 के स्तर पर बहाल किया जाना चाहिए. साथ ही अपेक्षा थी कि जवाबदेही को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार के बाल बजट विवरण में बाल-केंद्रित कार्यक्रमों और योजनाओं पर वास्तविक व्यय की जानकारी को शामिल करना. जिसमें प्रासंगिक बाल केंद्रित संस्थान, कार्यक्रम और योजना के बारे में अधिक विवरण है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का चौथा आम बजट (Budget 2022-23) पेश किया है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) भी चौथी बार बजट पेश कर रही हैं.