वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अब तक के सबसे छोटे बजटीय भाषण के साथ 2022-23 का बजट पेश किया. उन्होंने एक घंटे और 30 मिनट भाषण दिया, इस कारण यह उनका अब तक का सबसे छोटा बजटीय भाषण बन गया है. आमतौर पर बजटीय भाषण कम से कम 2 घंटे तक चलता है. निर्मला सीतारमण ने एक टैब से भाषण पढ़ते हुए दूसरी बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया. 2019 में उन्होंने दो घंटे और 15 मिनट (135 मिनट) का सबसे लंबा भाषण दिया था. वहीं वर्ष 2020 में उन्होंने 160 मिनट से ज्यादा देर भाषण दिया.
इससे पहले जसवंत सिंह ने 2003 में 2 घंटे 15 मिनट तक भाषण दिया था. जब शब्द सीमा की बात आती है, तो पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 1991 के अपने ऐतिहासिक भाषण में 18,650 शब्द बोलकर रिकॉर्ड कायम किया था, वे पी.वी.नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे.
इस साल सीतारमण ने डिजिटल बजट पेश किया और बजट भाषण के दौरान वह टैबलेट पर उसे स्क्रॉल करती देखी गईं. भाषण को हिंदू, उर्दू और तमिल दोहों से अलंकृत करने को लेकर जानी जाने वाली सीतारमण ने इस साल महाभारत के शांतिपर्व के एक श्लोक का उदाहरण दिया. इसमें राजधर्म की बात कही गई है. आमतौर पर बजट प्रस्तुत करने की अवधि 90 से 120 मिनट तक होती है.
HIGHLIGHTS
- 2019 में उन्होंने दो घंटे और 15 मिनट का सबसे लंबा भाषण दिया था
- जसवंत सिंह ने 2003 में 2 घंटे 15 मिनट तक भाषण दिया था