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Budget 2022: बजट से वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन को लेकर क्या हैं उम्मीदें, जानिए यहां

Budget 2022: जरूरतमंद लोगों के लिए न्यूनतम स्वास्थ्य सुरक्षा लाने के लिए प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में सराहनीय रूप से किया गया है. उम्मीद है कि केंद्र देश भर में गरीब बुजुर्गों के लिए प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम न्यूनतम सामाजिक पेंशन स्थापित करने में पहल करेगा.

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Dhirendra Kumar
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Budget 2022

Budget 2022( Photo Credit : IANS)

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Budget 2022: देश में बुजुर्गों की एक बड़ी आबादी तक सामाजिक और आर्थिेक सुरक्षा दायरा नहीं होने से वे कोरोना वायरस जैसी महामारी के निशाने पर हैं और इन वर्गो के कल्याण के लिए काम रहे अनेक संगठनों ने सरकार से एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में सामाजिक पेंशन को बढ़ाकर तीन हजार करने तथा अन्य सुविधाएं देने की उम्मीदें लगाई हैं. देश में इस समय बुजुर्ग लोगों की आबादी 14 करोड़ है. ये मांगें आय, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और वृद्धावस्था देखभाल के क्षेत्रों से लेकर बुजुर्गों के लिए कौशल प्रशिक्षण और वृद्ध लोगों के लिए उपकरण केंद्र स्थापित करने पर जोर देती हैं. इसके अलावा बुजुर्गों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना; बुजुर्गों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों जैसे वयस्क डायपर, दवाएं और स्वास्थ्य उपकरण जैसे व्हीलचेयर, वॉकर आदि पर जीएसटी छूट प्रदान करना शामिल है.

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जरूरतमंद लोगों के लिए न्यूनतम स्वास्थ्य सुरक्षा लाने के लिए प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में सराहनीय रूप से किया गया है. उम्मीद है कि केंद्र देश भर में गरीब बुजुर्गों के लिए प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम न्यूनतम सामाजिक पेंशन स्थापित करने में पहल करेगा. इसके अलावा केंद्रीय योगदान को 200 रुपये (14 साल के लिए अपरिवर्तित) से बढ़ाकर कम से कम 1,000 रुपये प्रति माह तक करने की दिशा में भी काम किया जाए. हेल्पएज इंडिया के सीईओ रोहित प्रसाद ने कहा, 
नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थ केयर ऑफ एल्डरली (एनपीएचसीई) के लिए समर्पित फंड के साथ त्वरित कार्यान्वयन व्यापक जेरियाट्रिक देखभाल लाने के लिए आवश्यक एक और महत्वपूर्ण कदम है.

प्रधानमंत्री स्व-रोजगार योजना का सुझाव
वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की मांग को दोहराते हुए, एजवेल फाउंडेशन ने बुजुर्गों की क्षमता का दोहन करने के लिए वरिष्ठों को फिर से शामिल करने के लिए एक योजना का सुझाव दिया. इसमें कहा गया है कि जिनके पास अनुभव, ज्ञान, ज्ञान, संसाधन, समय और अब भी काम करने का उत्साह है उन्हें आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए. इसमें प्रस्तावित योजना - सेवानिवृत्त और वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री स्व-रोजगार योजना (पीएम एसएसआरएससी) का नाम भी सुझाया गया है. एजवेल फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष हिमांशु रथ ने कहा, आज बुजुर्ग व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. बुजुर्गों के अनुकूल बजटीय प्रावधान करना निश्चित रूप से बढ़ती आबादी के कल्याण और कल्याण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. देश में वृद्ध व्यक्तियों और बुजुर्गों को अवसरों और मुख्यधारा में अधिक से अधिक लाने कीआवश्यकता है.

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दोनों संगठनों ने नए सर्वेक्षणों/अध्ययनों का हवाला देते हुए मांगों को पूरा किए जाने की दिशा में कदम उठाने का आह्वान किया है. देश भर में 5,000 बुजुर्गों के बीच किए गए अपने जनवरी 2022 के सर्वेक्षण के आधार पर, एजवेल फाउंडेशन ने पाया कि बजटीय प्रावधान वृद्ध व्यक्तियों से संबंधित मुद्दों का काफी हद तक निराकरण कर सकते हैं. -इनपुट आईएएनएस

HIGHLIGHTS

  • देश में इस समय बुजुर्ग लोगों की आबादी 14 करोड़ है
  • सामाजिक पेंशन को बढ़ाकर तीन हजार करने की उम्मीद
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