वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को पांचवीं बार आम बजट पेश किया. उन्होंने रक्षा बजट के लिए 5 लाख 94 हजार करोड़ का आवंटन किया. वही यह पिछले साल के 5 लाख 25 हजार था. यानि इस साल रक्षा बजट में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वही इस बजट में पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1 लाख 62 हजार करोड़ रूपये दिये गये है. इस पैसे से नए हथियार, एयरक्राफ्ट कैरियर, एअरक्राफ्ट और अन्य सेना के लिए समान खरीदे जायेंगे.
बजट के मुताबिक इस साल 5 लाख 94 हजार करोड़ दिया गया है. यह बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा. यह पिछले साल से 69 हजार करोड़ ज्यादा है. 2022 की बजट के मुताबिक पिछले साल यह करीब 1लाख 52 हजार करोड़ था जो बाद में रिवाइज करके 1लाख 50 हजार करोड़ हो गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बजट से 32 हजार 15 करोड़ भारतीय सेना को दिया जायेगा वही 47 हजार 590 करोड़ भारतीय नेवी को दिया जायेगा और 55हजार 586 करोड़ भारतीय वायुसेना को दिया जायेगा. इस साल के बजट के मुताबिक 2 लाख 70 हजार करोड़ रेवन्यू खर्च के लिए दिये गये है जिसमें सेना के लिए सैलरी और पेंशन शामिल है. वही पिछले साल यह 2 लाख 39 हजार करोड़ था. रक्षा पेंशन के लिए बजट से 1लाख 38 हजार 205 करोड़ दिया गया है. यानि कुल रेवेन्यू खर्च पेंशन को मिलाकर 4 लाख 22 हजार 162 करोड़ दिया गया है. इस तरह कुल रक्षा बजट 5 लाख 93 हजार 537 करोड़ हुए.
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ग्लोबल फायर रिपोर्ट के मुताबिक चीन का रक्षा बजट 18लाख 82 हजार करोड है. वही भारत का बजट इससे तीन गुना कम है. लेकिन 2017 से 2022 के बीच रक्षा बजट दोगुना हो गया. भारत अत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए सरकारी उपक्रमों के जरिए 100 प्रतिशत विदेशी निवेश और प्राइवेट कंपनियों के लिए 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया है. वही भारत में दो डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण किया गया है. ये कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और तामिलनाडु में है.