हालिया दौर में व्यावसायिक संस्थाओं के अलावा किसी अन्य को केंद्र या राज्य सरकारों या स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सेवाएं वस्तु एवं सेवा कर (GST) से मुक्त हैं. अब बजट 2023 (Budget 2023) से पहले वित्त मंत्रालय के अनुसार रुपे (RuPay) डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई (BHIM-UPI) लेनदेन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों को दिए जाने वाले सरकारी प्रोत्साहन पर भी जीएसटी लागू नहीं होगा. गौरतलब है कि चालू वर्ष वित्तीय वर्ष में में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों के लिए 2,600 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन कार्यक्रम पिछले सप्ताह कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'परिषद की ओर से की गई सिफारिशमें यह स्पष्ट किया गया है कि रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने की प्रोत्साहन योजना के तहत कर योग्य नहीं हैं.'
इस तरह मिलेगी करों से छूट
केंद्र या राज्य सरकारों या स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा व्यावसायिक संस्थाओं के अलावा किसी अन्य को प्रदान की जाने वाली सभी सेवाएं वर्तमान में जीएसटी से मुक्त हैं. कुछ निर्दिष्ट सेवाओं जैसे डाक विभाग सेवा और परिवहन इसमें शामिल नहीं है. ऐसे में वित्तमंत्रालय ने कहा है कि 2017 के केंद्रीय जीएसटी अधिनियम की शर्तों को देखते हुए प्रोत्साहन एक सब्सिडी की प्रकृति का है जो सीधे सेवा की लागत से संबंधित है. इस वजह से लेनदेन के कर योग्य मूल्य में योगदान नहीं करता है. सरकार रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत रुपे डेबिट कार्ड लेनदेन के मूल्य के प्रतिशत के रूप में और 2,000 तक कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करती है.
यूपीआई ने दिसंबर में 782.9 बिलियन रुपये का किया डिजिटल लेन-देन
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 के अंतर्गत बैंकों और प्रणाली प्रदाताओं को भुगतान भेजने या प्राप्त करने के लिए भीम-यूपीआई या रुपे डेबिट कार्ड का उपयोग करने वाले व्यक्तियों से कोई शुल्क लेने की अनुमति नहीं है. वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जीएसटी उन लॉजिंग सेवाओं पर लागू होता है, जो वायु सेना मेस अपने सैनिकों को प्रदान करती है. कहा गया कि राजस्व विभाग को वायु सेना मेस द्वारा अपने सैनिकों को प्रदान की जाने वाली आवास सेवाओं पर जीएसटी देय है या नहीं पर स्पष्टता की मांग करते हुए पूछताछ की गई थी. गौरतलब है कि यूपीआई ने सिर्फ दिसंबर में 782.9 बिलियन रुपये के डिजिटल भुगतान से लेनदेन का एक रिकॉर्ड बनाया है.
HIGHLIGHTS
- यूपीआई ने सिर्फ दिसंबर में 782.9 बिलियन रुपये के डिजिटल भुगतान से लेनदेन का रिकॉर्ड
- इस छूट के साथ डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में मोदी सरकार को और भी मिलेगा बढ़ावा
- भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि