Budget 2023 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नीति आयोग (NITI Aayog) के अर्थशास्त्रियों से उनकी राय और सुझाव लेने के लिए बैठक शुरू की. समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) इस बैठक के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसके समक्ष विद्यमान चुनौतियों का भी आकलन करेंगे. नीति आयोग में हो रही इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी हिस्सा ले रही हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश करेंगी. बजट नीति आयोग और अन्य संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा तैयार किया जाता है.
31 जनवरी से शुरू हो रहा है संसद का बजट सत्र
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र की शुरुआत लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी. बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. बजट सत्र का पहला भाग 10 फरवरी तक चलने की उम्मीद है. फिर अवकाश के बाद बजट सत्र का दूसरा भाग 6 मार्च को शुरू होने और 6 अप्रैल को समाप्त होने की संभावना है. सत्र के पहले भाग के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण और केंद्रीय बजट के धन्यवाद प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा होगी.
Prime Minister Narendra Modi holds a meeting with economists at NITI Aayog; Union Finance Minister Nirmala Sitharaman also present
— ANI (@ANI) January 13, 2023
PM will seek their opinions and suggestions as well as assess the state of the Indian economy and its challenges, ahead of the Union Budget. pic.twitter.com/SXFUOGbZZe
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अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी दर से बढ़ने की उम्मीद
आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय अर्थव्यवस्था के मार्च 2023 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यदि भारतीय अर्थव्यवस्था इसी रफ्तार से बढ़ी तो भारत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले देश का तमगा खो सकता है. सांख्यिकी मंत्रालय ने विगत दिनों अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. 2021-22 में 8.7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के मुकाबले यह दर काफी कम है. यही नहीं, ये अनुमान सरकार के पहले के 8-8.5 प्रतिशत विकास दर के पूर्वानुमान से भी बहुत कम है. हालांकि रिज़र्व बैंक के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक हैं. ऐसा होने पर भारत की जीडीपी वृद्धि सऊदी अरब के अनुमानित 7.6 प्रतिशत के बाद दूसरे स्थान पर आ जाएगी. जुलाई-सितंबर की तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी था, जो सऊदी अरब के 8.7 फीसदी से कम रहा.
HIGHLIGHTS
- नीति आयोग संग पीएम मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण की बैठक हो रही
- भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और चुनौतियों पर हो रही है चर्चा
- चालू वित्तीय साल में अर्थव्यवस्था 7 फीसद की दर से बढ़ने की उम्मीद