Budget 2024: 23 जुलाई 2024, वह दिन जब संसद में देश का बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में बजट पेश करेंगी. यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है. क्या आप जानते हैं- बजट क्या होता है. वैसे तो बजट समझना पढ़ें लिखे व्यक्ति के लिए कई बार टेढ़ी खीर हो जाती है. इसके भारी भरकम शब्द आपकों परेशान कर सकते हैं. लेकिन बजट के ऐलान से पहले आपको न्यूज नेशन उन भारी-भरकम शब्दों के बारे में बताने वाला है, जिससे आप बजट के मतलब को अच्छे से समझ सकें. आइये जानते हैं बजट में इस्तेमाल होने वाले छह मुख्य शब्द…
पहला शब्द- Fiscal deficit यानी राजकोषीय घाटा
सरकार के खर्च और आमदनी के अंतर को बताने वाले शब्द को ही फिस्कर डेफेसिट यानी राजकोषीय घाटा कहा जाता है. इससे यह पता चल जाता है कि सरकार को कामकाज के लिए कितना उधार चाहिए होगा. राजस्व का हिसाब-किताब लगाने में उधार शामिल नहीं होता. इसे राजकोषीय घाटा, वित्तीय घाटा या फिर बजटीय घाटा कहा जाता है.
दूसरा शब्द- Current Account Deficit यानी चालू खाता घाटा
जब किसी देश के सेवाओं, वस्तुओं और ट्रांसफर का आयात इनके निर्यात से अधिक होता है तो उस स्थिति को चालू खाता घाटा कहा जाता है. मान लीजिए भारत में बनी कोई चीज या फिर सेवा का निर्यात होता है तो भारत को कीमत मिलती है. वहीं, जब उन चीजों को मंगवाता है तो उसे कीमत चुकानी होती है. अब इसी प्राप्त भुगतान और चुकाए गए कीमत का जो अंतर होता है, उसे चालू खाता कहा जाता है.
तीसरा शब्द- Government Revenue and Expenditure यानी सरकारी राजस्व और व्यय
सरकारी राजस्व सरकार की सभी स्रोतों से होने वाली कमाई को कहा जाता है. वहीं, सरकार जहां-जहां खर्च करती है, उसे सरकारी व्यय कहा जाता है. यह सरकारी कामकाज की आम प्रक्रिया है.
चौथा शब्द- Budget Estimation यानी बजट आकलन
वित्त मंत्री सदन में बजट प्रस्ताव रखती है, इसमें वे पूरे साल में होने वाली विभिन्न आमदनी और खर्चों का लेखा-जोखा बताती हैं. पर कई बार ऐसा भी होता है कि आमदनी कभी प्रस्तावित आमदनी से अधिक भी हो जाती है तो कभी प्रस्तावित खर्च से अधिक खर्च भी हो जाता है. इसी वजह से इसे बजट आकलन कहा जाता है.
पांचवा शब्द- Finance Bill यानी वित्त विधेयक
विधेयक के माध्यम से ही बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री सरकारी आमदनी बढ़ाने के लिए नए करों आदि का प्रस्ताव देते हैं. वित्त विधेयक की मदद से मौजूदा कर प्रणाली में संशोधन आदि को प्रस्तावित किया जाता है. संसद की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाता है.
Source : News Nation Bureau