Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के इस बजट से हर वर्ग को बहुत उम्मीद है. मध्यम वर्ग को आयकर में टैक्स के अलावा एजुकेशन और मेडिकल जैसे सेक्टर में बढ़ती महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही मोदी सरकार एजुकेशन सेक्टर के तहत सस्ते एजुकेशन लोन के साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई पर लगने वाले जीएसटी में भी राहत दे सकती है. साथ ही सरकार इस बार फिर से शिक्षा क्षेत्र को मिलने वाला आवंटन में बढ़ोतरी कर सकती है.
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एजुकेशन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि बजट 2024 में आम आदमी को सस्ती शिक्षा का तोहफा मिल सकता है. जानकारों की मानें तो इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण परीक्षा तैयारी के पाठ्यक्रमों के अलावा नौकरी से जुड़ी स्किल ट्रेनिंग तक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की घोषणा कर सकती हैं. ये घोषणाएं विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों और निम्न आय समूह वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत होगी. जानकारों का कहना है कि वर्तमान में लगने वाला 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब शिक्षा जैसे बेसिक सेक्टर के लिए बहुत ज्यादा है. इसलिए इस पर जीएसटी कम होना चाहिएय. जिससे इन परिवारों द्वारा पढ़ाई पर खर्च किए जाने वाला पैसा बचेगा. इससे ये अच्छी शिक्षा हासिल कर सकेंगे.
शिक्षा जगत को बजट से ये भी हैं उम्मीद
देश में वर्तमान जीडीपी का शिक्षा पर सिर्फ 4.6 फीसदी खर्च होता है. इसलिए ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में युवाओं के भविष्य के लिए मोदी सरकार मजबूत नींव रखने का काम करेगी. दरअसल, आधुनिक समय के साथ छात्रों को अपने सुरक्षित भविष्य के लिए खुद को अपडेट करने की जरूरत है. इसलिए, अपस्किलिंग कोर्सेज पर टैक्स में कमी से नवाचार, समावेशिता, बेहतर संसाधन आवंटन और सभी के लिए आसानी से पहुंचने के अवसरों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के साथ मिलकर काम करते हुए, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने के लिए मजबूत वित्तीय मॉडल की जरूरत है. जिससे स्वास्थ्य प्रबंधन की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके.
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2023-24 के बजट में शिक्षा के लिए इतना था बजट
बता दें कि पिछले बजट में उच्च शिक्षा के लिए करीब 44 हजार करोड़ रुपये का आवंटित किया गया था. जो पिछले सालों की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक था. इसके अलावा, अंतरिम बजट 2024 में महिलाओं को सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. जिसमें कई युवा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई. उसी सिद्धांत पर चलते हुए एनईपी का लक्ष्य 2040 तक सभी संस्थानों में बहुविषयी उच्च शिक्षा स्थापित करना है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में सरकार वर्तमान शैक्षिक रुझानों पर जोर दे सकती है और कौशल, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग से उद्योग की जरूरतों को पूरा कर सकती है.
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इसके साथ ही सरकार को ग्रामीण भारत में शिक्षा तक पहुंच प्रदान करना, नवाचार को प्रोत्साहित करना और वैश्विक चुनौतियों को हल करने की योग्यता प्रदान करना प्रमुख लक्ष्य हैं. बता दें कि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने शिक्षा के लिए 73 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया था. दो शिक्षा क्षेत्र को मिला अब तक का सबसे बड़ा बजट था. जबकि उससे पहले के वित्तीय वर्ष में एजुकेशन सेक्टर को 68,804.85 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे.
Source : News Nation Bureau