देश का बजट जल्द सामने आने वाला है. ऐसे में हर सेक्टर अपनी-अपनी उम्मीद बांधे हुए है. देश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग 115 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. वहीं मोबाइल निर्यात 15 बिलियन डॉलर तक है. अब सेलुलर इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री संघ आईसीईए के तहत सरकार इसमें बढ़ोतरी को लेकर आगामी बजट में शुल्क दरों पर भारी कटौती करनी होगी. इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के संघ आईसीईए ने सरकार के समक्ष बजट को लेकर अपनी मांग रखी है. देश में बीते 5 वर्षों में प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) से इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निर्माण तेजी से बढ़ा है. इसके निर्यात में 29 बिलियन डॉलर तक पहुंचा है. इंडस्ट्री की मांग है कि सरकार इसे बढ़ावा देने को लेकर बजट में कई तरह कदम उठाए हैं.
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आईसीईए ने मांग तय की है कि सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की असेंबलीज पर सभी तरह के शुल्क को घटाकर शून्य किया जाए. मोबाइल फोन के उत्पादन में 7 तरह के शुल्क लगाए जाते हैं. इसे आसान करने को लेकर चार तरह का शुल्क तय किए गए हैं.
पीसीबीए पर ड्यूटी 20 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत किया जाए. वहीं चार्जर, माइक, रिसीवर पर लगने वाली ड्यूटी 15 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत की जाएगी. पीसीबीए पार्ट्स, कनेक्टर, कैमरा माड्यूल पर लगने वाली ड्यूटी को पूरी तरह से खत्म की जाए. इंडस्ट्री के तहत इससे किसी भी तरह से सरकार का नुकसान नहीं होगा.
जुलाई माह की 22 तारीख को आ सकता है बजट
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू के अनुसार, सरकार को अगले 5 से 8 वर्ष के लिए करीब 45000 करोड़ का इंसेंटिव देना होगा. इंडस्ट्री के अनुसार, स्मार्टफोन के इनपुट पर भारत में चीन के मुकाबले 7.4 प्रतिशत और वियतनाम के मुकाबले 0.7 प्रतिशत शुल्क अधिक है. सरकार इन्हें कम करके इंडस्ट्री को बढ़ावा देगी. नई सरकार इस माह बजट सामने लाने वाली है. हालांकि बजट की तिथि का आधिकारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है. ऐसी उम्मीद है कि बजट जुलाई माह की 22 तारीख को आ सकता है. सरकार के गठन के बाद यह पहला पूर्ण बजट होगा. ऐसे में हर सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांग को पूरा कर सकती है.
Source : News Nation Bureau