Budget 2024: मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट 23 जुलाई को आने वाला है. इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हर वर्ग को तोहफा दे सकती हैं. क्योंकि आने वाले कुछ महीनों में दिल्ली समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी. जिसमें बजट में नई योजनाओं और लोगों को राहत देने वाली घोषणा की जा सकती हैं. जिससे लोगों को साथ बीजेपी को भी राजनीतिक लाभ मिल सके और चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सके.
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नौकरीपेशा लोगों को मिल सकता है तोहफा
23 जुलाई को आने वाले बजट में नौकरीपेशा वाले लोगों को भी काफी उम्मीदें हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर केंद्र सरकार नौकरीपेशा वाले लोगों को टैक्स में राहत देने की घोषणा करती है तो उसकी क्रय क्षमता में इजाफा होगा. जिससे खपत बढ़ेगी और सरकार को जीएसटी के रूप में ज्यादा टैक्स मिलेगा. दरअसल, देश की आर्थिक मजबूती के बाद भी नौकरीपेशा लोगों की कमाई में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है. ऐसे में नौकरी करने वाले लोग अपने खर्चों में कटौती कर रहे हैं. इससे पहले फरवरी में आए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने कहा था कि इस बजट में आयकर जैसे मुद्दों पर कोई निर्णय लेना का विचार नहीं है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में इनकम टैक्स को लेकर राहत दे सकती हैं.
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बढ़ सकती है नई कर व्यवस्था में मानक छूट
इसके साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार आगामी बजट में न्यू टैक्स रिजीम के तहत मानक छूट में बढ़ोतरी कर सकती है. ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इसको एक लाख रुपये किया जा सकता है. बता दें कि नए टैक्स रिजीम के जरिए सरकार ऑल्ड टैक्स रिजीम की तुलना में पर्सनल टैक्सपेयर्स के लिए कम टैक्स दरें मुहैया कराना चाहती है. वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत वेतनभोगी लोग को जिन कटौतियों और छूटों का दावा करते थे, उनमें से ज्यादतर को नई कर व्यवस्था के तहत हटा दिया गया है. इसलिए सरकार नए टैक्स रिजीम को और अधिक लचीला बनाने के लिए वेतनभोगी की मिलने वाले अलाउंस को बनाए रखना चाहती है. इनमें हाउस रेंट पर छूट के अलावा होम लोन पर छूट, पीएफ में कर्मचारी के योगदान के लिए कटौती आदि को शामिल किया जा सकता है.
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एचआरए में मिल सकती है छूट
बता दें कि वर्तमान में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के रूप में वेतन के 50 प्रतिशत की छूट मिलती है. जबकि गैर-मेट्रो शहर वेतन में एचआरए के लिए 40 फीसदी की छूट दी जाती है. वहीं गुरुग्राम, पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों शहरों में हाउस रेंट बढ़ने से लोगों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा है. ऐसे में सरकार इन शहरों को भी मैट्रो शहरों की कैटेगरी में शामिल कर सकती है. जिससे इन शहरों में भी हाउस अलाउंस 50 फीसदी हो जाए.
Source : News Nation Bureau