Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं. इस बार हेल्थ सेक्टर को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं, खासकर पिछले अंतरिम बजट में सरकार द्वारा हेल्थ सेक्टर को प्राथमिकता देने के संकेत के बाद. अंतरिम बजट में सरकार ने हेल्थ सेक्टर का आवंटन बढ़ाया था और इस बात पर जोर दिया था कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान देगी. इस बार की सबसे बड़ी मांग यह है कि आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ केवल गरीबों को नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक को मिले.
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अंतरिम बजट में हेल्थ सेक्टर को बढ़ावा
अंतरिम बजट 2024 में सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए 90,171 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले बजटीय आवंटन 79,221 करोड़ रुपये से अधिक था. हालांकि, भारत अब भी अपनी जीडीपी का केवल करीब 2 प्रतिशत ही स्वास्थ्य सेक्टर पर खर्च करता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह प्रतिशत बढ़ाकर 3 प्रतिशत करना चाहिए, ताकि इसका फायदा आम जनता को मिल सके.
सबको मिले हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा
देश में हर नागरिक को हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ मिले, इसकी वकालत इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स करते हैं. उनका कहना है कि सरकार अगर आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का विस्तार करती है, तो लोगों को कम लागत पर स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा का लाभ मिलेगा. इसके तहत सरकार को मिडिल क्लास और अतिरिक्त परिवारों को भी शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए.
आपको बता दें कि कौशांबी के यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. पीएन अरोड़ा ने कहा है कि आगामी बजट में सरकार को हेल्थ केयर सेक्टर के विस्तार पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि आयुष्मान भारत या कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस कवर जैसी योजनाओं का विस्तार कर सरकार को प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पहुंचानी चाहिए. डॉ. अरोड़ा का मानना है कि आगामी बजट में स्वास्थ्य देखभाल के लिए जीडीपी का 2.5 से 3.5 फीसदी आवंटित करने का लक्ष्य होना चाहिए, ताकि देश यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज की दिशा में आगे बढ़ सके. वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी सरकार से मिनिमम यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया है.
सरकारी अस्पतालों पर ध्यान
देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. हाल में नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया कि देश की 140 करोड़ की आबादी के लिए वर्तमान में करीब 70,000 अस्पताल हैं, जिनमें से 63 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर में हैं. यदि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को मिला लिया जाए, तो प्रति 1000 लोगों की आबादी पर महज 1.3 बेड उपलब्ध हैं, जबकि इसे प्रति 1000 लोगों पर 3 बेड तक ले जाना स्टैंडर्ड है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत को अभी 24 लाख बेड की अतिरिक्त क्षमता विकसित करनी होगी.
आयुष्मान भारत योजना में बढ़ोतरी
इसके साथ ही आपको बता दें कि अंतरिम बजट 2024 में सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के लिए आवंटन बढ़ाकर 7200 करोड़ रुपये किया था. इसके अतिरिक्त, आयुष्मान भारत-हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 646 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया था.
HIGHLIGHTS
- देश के हर नागरिक को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ
- Budget 2024 में सरकारी अस्पतालों पर ध्यान
- सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान
Source : News Nation Bureau