Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट जल्द ही पेश होने वाला है. जैसे-जैसे बजट का वक्त नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे लोगों में इसको लेकर उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है. इस बार वित्त मंत्री टैक्स में छूट बढ़ाएंगी या फिर यथावत ही रखेंगी. रेल यात्रियों को क्या मिलेगा. हेल्थ से लेकर अन्य सेक्टर पर क्या असर होगा आदि. मोदी सरकार देश के दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने का दावा किया है. लिहाजा उनका बजट इस दिशा में आगे बढ़ता नजर आ सकता है. इससे जुड़े अहम फैसले आम बजट में लिए जा सकते हैं. लेकिन क्या आपको बता है कि आखिर आम बजट के लिए सरकार धन कहां से लाती है. यानी धन का बंदोबस्त कैसे होता है और इस धन को कहां और किस तरह खर्च किया जाता है. शायद नहीं. कोई बात नहीं अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर सरकार यूनियन बजट के लिए धन कहां से अरेंज करती है.
आम बजट के लिए सरकार कहां से लाती है धन
आम बजट देश के लिए एक महत्वपूर्ण वक्त होता है क्योंकि इसी बजट से पूरे वित्तीय वर्ष निर्भर करता है. इस बजट में सरकार की ओर से दी जाने वाली रियायत और लगाए जाने वाले कर नौकरीपेशा से लेकर कारोबारियों तक हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर आम बजट का पेशा सरकार लाती कहां से है. बजट के डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक केंद्र सरकार के रेवेन्यू संरचना से इस बात की जानकारी मिलती है कि आम बजट का ज्यादातर हिस्सा 28 प्रतिशत बॉरोइंग और अन्य दायित्वों से आता है.
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इसके अलावा इनकम टैक्स से भी सरकार 19 फीसदी धन बजट के लिए जमा करती है. इसके साथ ही जीएसटी का 18 प्रतिशत कलेक्शन भी बजट में ही लगाया जाता है.
आम बजट में सरकार को कॉरपोरेशन से भी 17 प्रतिशत टैक्स मिलता है जबकि नॉन-टैक्स रीसीट के जरिेए सरकार 7 प्रतिशत धन एकत्र करती है. इन सबके अलावा भी कुछ जरिए जहां से आम बजट का धन आता है इनमें एक्साइज ड्यूटी और कस्टम्स से सरकार को 9 फीसदी धन मिलता है, वहीं नॉन-डेट कैपिटल रीसीट कुल इनकम का 1 परसेंट होता है.
इन जगहों पर खर्च करती है सरकार
आम बजट के धन को सरकार कहां खर्च करती है इस बात की जानकारी भी ज्यादा लोगों को नहीं होती है. आम बजट के लिए जो धन सरकार एकत्र करती है उसका 20 प्रतिशत पैसा इंटरेस्ट चुकाने और टैक्स ड्यूटीज में प्रदेश की भागीदारी में खर्च होता है. इसके अलावा सेंट्रल सेक्टर की प्लानिंग का 16 और अन्य खर्च 9 प्रतिशत होते हैं.
यही नहीं रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं पर 8-8 प्रतिशत खर्च किया जाता है. ऐसे में खर्च की गई राशि का हिस्सा 7 फीसदी सब्सिडी का होता है और पेंशन में भी 4 प्रतिशत धन खर्च किया जाता है.
Source : News Nation Bureau