23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी कैबिनेट 3.0 का पहला बजट पेश करने जा रही हैं. इसके साथ ही लगातार वित्त मंत्री सातवां बजट पेश करेंगी. बजट से किसानों, मध्य वर्गीय से लेकर युवाओं को काफी उम्मीदें हैं. समय के साथ बजट को लेकर कई बदलाव किए जा चुके हैं. खासकर मोदी सरकार ने बजट में काफी बदलाव किए हैं. उसी में से एक है कैसे मोदी सरकार के दौरान रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया. साल 2016 तक हर साल यूनियन बजट से पहले रेल बजट पेश किया जाता था. सदन में रेल मंत्री रेल बजट पेश करते थे और कई नई ट्रेनों का ऐलान करते थे. वहीं, 2017 के बाद रेल बजट भी आम बजट का हिस्सा बन गया.
अरूण जेटली ने भारत का पहला संयुक्त बजट किया पेश
आपको बता दें कि 1 फरवरी, 2017 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारत का पहला संयुक्त बजट पेश किया था. इसमें उन्होंने रेलवे सेक्टर के बारे में बताया और रेल को पैसे भी आवंटित किए गए. हालांकि यूनियन बजट के साथ रेल बजट को मिलाने की वजह से पहली बार रेलवे पर जानकारियां उतनी व्यापक नहीं दी गई, जितनी रेल बजट में दी जाती थी. 2017 में पहली बार रेल बजट पेश नहीं किया गया.
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जानिए क्यों रेल बजट को आम बजट में मिलाया गया
दरअसल, नीती आयोग की सलाह पर रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया था. नीति आयोग ने सरकार को सलाह दी थी कि रेलवे बजट को अलग से पेश करने की जरूरत नहीं है. नीति आयोग अध्यक्षता तत्कालीन नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने की थी. जिस पर विचार करते हुए 21 सितंबर, 2016 को केंद्र सरकार ने नीति आयोग की सलाह को मानते हुए रेल बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया.
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HIGHLIGHTS
- जानिए क्यों रेल बजट को आम बजट में मिलाया गया
- नीति आयोग ने दी थी रेल बजट को आम बजट में मिलाने की सलाह
- अरूण जेटली ने भारत का पहला संयुक्त बजट किया पेश
Source : News Nation Bureau