Budget 2024 Expectations: वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश किया जाना है, जो नयी सरकार का पहला प्रमुख नीति दस्तावेज होगा. इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से करदाताओं और खासकर निम्न आय वर्ग के लोगों को राहत देने की मांग की जा रही है, ताकि खपत को बढ़ावा दिया जा सके. बता दें कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री को ये सुझाव भी दिया है. बता दें कि उद्योग जगत ने वित्त मंत्री से कॉरपोरेट कर को कम करने, कर छूट को चरणबद्ध ढंग से खत्म करने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर आधार को व्यापक बनाने का आग्रह किया है. वहीं उद्योग मंडली एसोचैम ने कहा, ''अनुपालन में सुधार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर प्रणाली को युक्तिसंगत और सरल बनाना चाहिए. कर व्यवस्था को अधिक कुशल और न्यायसंगत बनाने के लिए कॉरपोरेट कर दरों को कम करने, कर छूट को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और कर आधार को व्यापक बनाने जैसे उपायों पर विचार करना चाहिए.''
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राजकोषीय घाटा और पूंजीगत व्यय
इसके साथ ही आपको बता दें कि रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सुझाव दिया कि सरकार 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य से समझौता किए बिना 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.9-5 प्रतिशत निर्धारित कर सकती है. इससे पहले एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में सरकार ने इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. इक्रा ने कहा, ''राजस्व के मोर्चे पर अनुकूल घटनाक्रम वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय स्थिति के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का संकेत देते हैं.''
निम्न आय वर्ग को राहत
वहीं जॉपर इंश्योरटेक के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) मयंक गुप्ता ने कहा, ''आगामी बजट में आर्थिक विकास को गति देने और विशेष रूप से निम्न आय वर्ग को राहत प्रदान करने वाली नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिससे खपत में वृद्धि हो सके.'' बता दें कि उनके अनुसार, बीमा के दृष्टिकोण से आयकर अधिनियम की धारा 80C में संशोधन करना चाहिए, ताकि अधिक लोग बीमा उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित हों. इसके अतिरिक्त, नई कर व्यवस्था के तहत टर्म जीवन बीमा के लिए छूट भी मिलनी चाहिए.
पीएलआई योजनाओं का विस्तार
आपको बता दें कि डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने सुझाव दिया कि सरकार को पीएलआई योजनाओं का विस्तार करना चाहिए, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो अधिक रोजगार उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे कपड़ा, हस्तशिल्प और चमड़ा उद्योग. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और सेमीकंडक्टर जैसे सफल क्षेत्रों में भी इन योजनाओं को जारी रखना चाहिए.
वित्तपोषण लागत और ऋण तक पहुंच
इसके साथ ही आपको बता दें कि रेलिगेयर फिनवेस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पंकज शर्मा ने कहा कि वित्तपोषण लागत को कम करने के लिए ब्याज दर सब्सिडी और नीतिगत उपायों से ऋण तक पहुंच को आसान बनाने की आवश्यकता है. एसोचैम ने किसानों के लिए उत्पादकता, बाजार पहुंच और आय के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों का सुझाव दिया है.
HIGHLIGHTS
- बजट में टैक्सपेयर्स को राहत की उम्मीद
- Income Tax को लेकर हो सकता है ऐलान
- उद्योग जगत ने वित्त मंत्री को दिया सुझाव
Source : News Nation Bureau