Budget 2024: भारत की आजादी के बाद से केंद्रीय बजट पेश होता रहा है. किसी भी देश की इकोनॉमी को लेकर सरकार क्या कर रही है और क्या करने वाली है. इसी को ध्यान में रखते हुए ये बजट हर वित्तीय वर्ष में पेश किया जाता है. आमतौर पर बजट को पेश करने का जिम्मा केंद्रीय वित्त मंत्री पर होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आजाद भारत में ऐसा कितनी बार हुआ है कि वित्तीय मंत्री ने बजट पेश ही नहीं किया. शायद नहीं तो हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि देश में कितनी बार वित्त मंत्री ने बजट पेश नहीं किया और उनकी जगह पर किन प्रधानमंत्रियों ने ये जिम्मेदारी संभाली.
देश में तीन बार ऐसा हुआ जब पीएम ने पेश किया बजट
देश के इतिहास में एक या दो बार नहीं बल्कि तीन बार ऐसा मौका आया है जब सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्टर ने बजट पेश नहीं किया. वित्त मंत्री की बजाय प्राइम मिनिस्टर ने ये केंद्रीय बजट को प्रस्तुत किया.
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गांधी परिवार से खास कनेक्शन
देश में तीन बार जिन प्रधानमंत्रियों ने ये बजट पेश किया उसमें एक खास कनेक्शन भी है. दरअसल तीनों ही मौके नेहरू-गांधी परिवार के प्रतिनिधियों के साथ ही देखने को मिले. इसी फैमिली से बने प्रधानमंत्रियों ने ही संसद में आम बजट को प्रस्तुत किया है.
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कौन हैं वो तीन प्रधानमंत्री
आम बजट पढ़ने वाले देश के अब तक के तीन प्रधानमंत्रियों की बात की जाए तो उनमें पहला नाम देश के पहले ही पीएम का आता है. जी हां पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के 11 वर्ष बाद ये काम किया था. पीएम नेहरू ने 13 फरवरी 1958 में 58-59 के लिए अपनी कैबिनेट में वित्त विभाग भी संभाला था. दरअसल उनकी कैबिनेट में जो फाइनेंस मिनिस्टर टीटी कृष्णाचारी थे उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसी वजह से नेहरू को वित्त विभाग की जिम्मेदारी भी देखना थी, लिहाजा उन्होंने बजट पेश किया.
इंदिरा के नाम भी है ये रिकॉर्ड
देश की लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में रहीं इंदिरा गांधी ने भी बतौर पीएम रहते हुए यूनियन बजट पेश किया है. उनके बजट पेश करने के पीछे भी तात्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई का इस्तीफा था. देसाई के रिजाइन करने की वजह से इंदिरा गांधी ने 1970-71 का आम बजट पेश किया था. खास बात यह है कि इंदिरा गांधी इस बजट को पेश करने के साथ ही देश पहली ऐसी महिला बन गईं जिसने सदन में बजट प्रस्तुत किया.
तीसरे पीएम बने राजीव गांधी
गांधी परिवार के ही एक और सदस्य राजीव गांधी भी उस सूची में शामिल हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए केंद्रीय बजट पेश किया. राजीव गांधी के कैबिनेट में भी वित्त मंत्री रहे वीपी सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया था. उनके इस फैसले के बाद राजीव गांधी ने इस विभाग का जिम्मा खुद ही संभाला और यही वजह रही कि उन्होंने वर्ष 1987-88 का केंद्रीय बजट पेश किया.
Source : News Nation Bureau