Budget 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 22 जुलाई को पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में बजट पेश करेंगी. इससे लोगों को इस बार बहुत उम्मीदें हैं. आप जानते हैं बजट बनाना बहुत लंबी प्रक्रिया होती है. इसे बनाने के लिए कई कर्मचारी और अधिकारी दिन रात मेहनत करते हैं. इसकी सुरक्षा एकदम वीवीआईपी की तरह की जाती है. बजट के दौरान गोपनीयता का बहुत ध्यान रखा जाता है. आइये आज जानते हैं बजट के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, गोपनीयता और इसकी प्रक्रिया के बारे में…
मीडिया-सोशल मीडिया से दूरी
भारत में बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया बहुत गुप्त तरीके से पूरी की जाती है. बजट बनने के एक माह पहले ही मीडिया को वित्त मंत्रालय से दूर कर दिया जाता है. अधिकारियों-कर्मियों को सोशल मीडिया पर सक्रीय न रहने के अनकहे निर्देश होते हैं. यह सब इसलिए कि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी गलती से भी लीक न हो जाए. अगर ऐसा होता है तो देश की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है.
नरजबंदी के दौरान कड़ी सुरक्षा
वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी के बाद अधिकारियों को मंत्रालय के बेसमेंट में नजरबंद कर दिया जाता है. इस दौरान किसी भी अधिकारी को बाहरी दुनिया से संपर्क करने की इजाजत नहीं होती. उनके पास फोन, टैब और लैपटॉप सहित कोई भी इलेक्ट्रोनिक गैजेट नहीं होते हैं. वे इस दौरान अपने घर पर भी बात नहीं कर सकते हैं. ऐसा सब तब तक होता है, जब तक संसद में वित्त मंत्री बजट की घोषणा न कर दें.
नजरबंदी के दौरान मान लीजिए अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी को घर पर बात करनी होती है तो इंटेलिजेंस का एक व्यक्ति वहां मौजूद होता है, जो उनकी बातें सुनता है. बात करने के लिए पहले परमीशन लेनी पड़ती है. कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ख्याल करते हुए डॉक्टरों की एक टीम वहां हमेशा मौजूद रहती है. किसी आपातकाल परिस्थिति में अगर कोई व्यक्ति गुप्त कमरे से बाहर निकलना पड़े तो उसके साथ एक इंटेलिजेंस अफसर और एक दिल्ली पुलिस का जवान साये की तरह साथ रहता है. कर्मियों के खाने की भी जांच की जाती है.
प्रिटिंग के दौरान रखी जाती है कड़ी नजर
बजट बनाने में कौन-कौन लोग शामिल होते हैं. इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जाती. उनके नामों को उजागर नहीं किया जाता है. बजट जहां प्रिंट होता है उस रूम में सिर्फ एक फोन होता है. इस फोन में सिर्फ फोन आ सकता है. इससे किसी को फोन नहीं कर सकते हैं. बजट से जुड़ा एक-एक कागज इटेलिजेंस विभाग की निगरानी में प्रिंट होता है. बजट की प्रिटिंग, पैकेजिंग और इसे संसद तक सुरक्षित पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी इंटेलिजेंस विभाग की होती है.
(यह खबर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई है. हम इसके पूर्ण रूप से प्रमाणित होने का दावा नहीं करते हैं.)
देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर, News Nation के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
https://whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10
Source : News Nation Bureau