Budget 2024 : पहली बार सन1924 में देश का पहला रेल बजट पेश किया गया था. उसके बाद लगातार 94 साल तक आम बजट व रेल बजट अलग-अलग दिन पेश किया जाता रहा है. लेकिन अचानक ऐसी क्या समस्या आ गई कि करीब दस साल पहले रेल बजट को आम बजट में ही मर्ज कर दिया. यानि लगभग 94 साल पुरानी व्यवस्था का अचानक से अंत हो गया. हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना भी की थी. लेकिन आ यदि इसकी समीक्षा करते हैं तो एक्सपर्ट पाते हैं कि यह सही फैसला था..
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देश की लाइफ लाइन है रेलवे
दरअसल, सन 1924 में जब रेल बजट को आम बजट से अलग पेश किया जाता था. उस वक्त कुल बजट से भी कहीं ज्यादा अकेला रेल विभाग का रेवेन्यू होता था. यानि सबसे ज्यादा बजट इसी विभाग पर खर्च भी किया जाता था. जिसके चलते रेल बजट आम बजट से अलग पेश किया जाता था. लेकिन तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सन 2026 में इसका आम बजट में ही विलय कर लिया. यानि रेल बजट का हमेशा के लिए अंत हो गया. आइये जानते हैं और क्या वजह थी जो आम बजट से अलग पेश किया जाता था रेल बजट.
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वित्तीय हालात में सुधार का लक्ष्य
एक्सपर्ट के मुताबिक, रेल बजट का आम आम बजट में विलय करने के पीछे एक वजह ये भी थी की हालत में सुधार किया जाए. क्योंकि पहले रेल के बजट से ही उसमें सुधार कार्य किये जाते थे. पूरे बजट को जब एकसाथ बनाया गया तो इससे रेलवे को पैसे आवंटित करने में आसानी हुई. देश की अर्थव्यवस्था में रेलवे की बड़ी अहमियत है और इसे पूरे बजट के सिनेरियो में देखे जाने का लक्ष्य था. इसके अलावा रेलवे का अलग से बजट पास करना पुरानी प्रैक्टिस थी और बदलते वक्त के साथ यह गैरजरूरी हो गया था.
HIGHLIGHTS
- पहले आम बजट व रेल बजट दो अलग-अलग दिन किये जाते थे पेश
- दस साल पहले रेल बजट को आम बजट में कर दिया गया था मर्ज
- 1924 में पेश किया गया था पहला रेल बजट
Source : News Nation Bureau