Union Budget 2024: मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट आने वाला है. वित्त मंत्रालय में इसको लेकर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं. आम से लेकर खास तक सभी लोगों की राय ली जा रही है कि इस बार का बजट किन मायनों में खास हो. उसमें किस तरह से लोगों के सर्वोत्तम हित वाले प्रावधान हों. कुछ फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोदी सरकार बजट में 'ब्रम्हास्त्र' चलने वाली है यानी कुछ बड़ा करने वाली, जिससे लोगों की बल्ले-बल्ले होगी. आइए जानते हैं कि मोदी सरकार का किन-किन मुद्दों पर जबरदस्त फोकस रह सकता है.
टैक्स में छूट मिलने की कायस सभी लगा चुके हैं. इसके अलावा मोदी सरकार का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार पर जबरदस्त फोकस रह सकता है. आर्थिक मोर्चे पर देश की पटरी विकास की रहा पर है. आज देश तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. वो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि वो देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं. ऐसे में मोदी सरकार हर सूरत में विकास की रफ्तार को बरकरार रखना चाहिए.
इसके लिए मोदी सरकार का सारा फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग के लेवल पर रहेगा. ये वो दो कड़ियां हैं, जो देश के विकास की रफ्तार को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी हैं. मोदी सरकार को लगता है कि विकास की इस रफ्तार के पीछे उसकी पुरानी आर्थिक नीतियां हैं. इसलिए सरकार अपनी पुरानी आर्थिक स्कीम्स को बरकरार रख सकती है. इन आर्थिक नीतियों को जारी रखने के केंद्र में देखें तो देश की ग्रोथ की रफ्तार को बढ़ावा देना है. जब देश में ग्रोथ बढ़ेगी तो लोगों की बल्ले-बल्ले होना लाजिमी है.
रूरल से लेकर अर्बन कंजम्पशन लगातार बढ़ रही है. ये कंजम्पशन फिर चाहे किसी भी तरह की गुड्स की हों. इससे बाजार में रफ्तार बनती है. बढ़ती सप्लाई और बढ़ती डिमांड मार्केट में बढ़ते बिजनेस के लिए अच्छे सूचक हैं. लोगों की जेब में पैसा आएगा तो वो खर्च में भी करेंगे. इससे मार्केट में पैसे का फ्लो लगातार बढ़ेगा. सरकार के पिछले कार्यकालों को देखें तो रूरल और अर्बन कंजम्पशन के बीच का गैप लगातार घटा है. ऐसे में सरकार का बजट में फोकस रूरल कंजम्पशन यानी ग्रामीण खपत को बढ़ावा देने पर रहेगा. इसके लिए रूरल में डिमांड में अवसर बढ़ाने पर सरकार जोर दे सकती है, इसके लिए वो कुछ बड़े कदम उठा सकती है.
मोदी सरकार का जॉब क्रिएशन पर ज्यादा फोकस रह सकता है. हाल ही में पीएम मोदी ने इसको लेकर अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक भी की थी. इसके लिए मोदी सरकार पीएलआई स्कीम्स का दायरा बढ़ा सकता है. सेमीकंडक्टर के अलावा टैक्स, हैंडलूम और लेदर इंडस्ट्रीज् में पीएलआई स्कीम्स के द्वार खुल सकते हैं. हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ ने भी रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अन्य सेक्टर्स जैसे एनीमेशन, गेमिंग, खुदरा, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म, फिल्म/मनोरंजन में पीएलआई स्कीम को लागू किए जाने का सुझाव दिया है.
छोटे-मझोले उद्योगों पर लोगों की आजीविका टिकी रहती है. सरकार का पूरा फोकस इन उद्योगों को बढ़ावा देने पर हो सकता है. सरकार चाहेगी की इस तरह के उद्योगों की सप्लाई चेन बढ़े और उद्योगकर्ताओं को अधिक-अधिक से अवसर मिलें ताकि देश के विकास की रफ्तार में वो भी अहम भूमिका निभा सकें. उनके जीवन में भी खुशहाली आए. शहरी के अलावा ग्रामीण इलाकों में उद्योग, रोजगार और व्यापार अवसर बढ़ाने पर भी सरकार का पूरा फोकस रह सकता है.
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Source : News Nation Bureau