Union Budget 2024: भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाला नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) तीसरी बार सत्ता में है. उसके सामने पिछले दो कार्यकालों की तुलना में परिस्थितियां कुछ और हैं, क्योंकि इस बार बीजेपी की सरकार नहीं, बल्कि NDA गठबंधन की सरकार है. भले ही बीजेपी कह चुकी हो कि वो सरकार अपने हिसाब से चलाएगी, लेकिन गठबंधन सरकार की अपनी मजबूरियां होती हैं. जब तक वो पूरी होती रहेंगी, सरकार चलती रहेगी. जुलाई में बजट 2024 आने वाला है, लेकिन उससे पहले ऐसे सियासी समीकरण सामने आए हैं, जो इशारा कर रहे हैं कि इस बार बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं.
किंग मेकर नायडू-नीतीश, झुकेगी सरकार?
हाल ही हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं. पार्टी बहुमत के आकंड़े से 32 सीटें पीछे हैं. ऐसे तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार दोनों किंगमेकर की भूमिका में सामने आए हैं और नई गठबंधन सरकार में 16 सांसद नायडू की पार्टी के, जबकि 12 सांसद नीतीश की पार्टी के शामिल हैं. गठबंधन सरकार होने का असर बजट 2024 में दिख सकता है. ऐसे में लग ये रहा है कि नायडू और नीतीश के सामने सरकार को थोड़ा झुकना पड़ सकता है और बजट में इन दोनों राज्यों के लिए कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं.
बजट से पहले नायडू-नीतीश की प्रेशर पॉटिलिक्स
सरकार बनते ही चंद्र बाबू नायडू और नीतीश कुमार ने धीरे-धीरे ही सही प्रेशर पॉलिटिक्स करना शुरू कर दिया. 4 जुलाई को अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृहमंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम मंत्री हरी पुरी समेत कई केंद्रीय नेताओं के साथ राज्य में संभावित निवेशों पर चर्चा की थी.
Today, I had a constructive meeting with the Hon'ble Prime Minister, Shri @narendramodi Ji, in Delhi to address important matters concerning the welfare and development of Andhra Pradesh. I am confident that under his leadership, our State will re-emerge as a powerhouse among… pic.twitter.com/T8LJMK0DpC
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) July 4, 2024
नायडू की दिल्ली यात्रा का दिखने लगा असर
11 जुलाई तक चंद्रबाबू की दिल्ली यात्रा का असर दिखने लगा. आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री टीजी भरत ने उसी दिन घोषणा की कि बीपीसीएल राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये निवेश करने के लिए तैयार है, जिसमें संभावित रूप से एक तेल रिफाइनरी की स्थापना भी शामिल है. उन्होंने एक ऑफिशियल प्रेस नोट में कहा, 'बीपीसीएल राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये निवेश करने के लिए तैयार है. शुरुआत में यह 50,000 करोड़ रुपये से 75,000 करोड़ रुपये के बीच निवेश करेगी.'
10 जुलाई को चंद्रबाबू नायडू ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और वियतनामी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी VinFast के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. नायडू ने बीपीसीएल से राज्य में तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये निवेश करने का अनुरोध किया.
Had an engaging discussion with the CEO of VinFast Mr. Pham Sanh Chau. VinFast is a leading automobile conglomerate from Vietnam. Have invited them to set up their EV and battery manufacturing plant in Andhra Pradesh. The industries department has been instructed to facilitate… pic.twitter.com/wEEq5sQHFy
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) July 10, 2024
बाद में मीडिया रिपोर्ट्स आईं कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक ऑयल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल हब बनाने के लिए सहमति दे दी है. रिफाइनरी खोलने के लिए प्रदेश के तीन स्थानों श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामायापत्तनम के नामों पर विचार किया गया है. अब माना जा रहा है कि इसकी औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में की जा सकती है.
Smt @nsitharaman interacts with Shri N Chandrababu Naidu (@ncbn), Hon'ble Chief Minister of Andhra Pradesh.
Shri Ram Mohan Naidu Kinjarapu (@RamMNK), Hon'ble Minister of Civil Aviation, Shri Chandra Sekhar Pemmasani (@PemmasaniOnX), Hon'ble Minister of State for Rural… pic.twitter.com/nryfpkmERa
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) July 5, 2024
बजट से पहले नीतीश ने भी चला दांव
उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बजट से पहले अपना दांव खेल चुके हैं. पार्टी के नेता कई मौकों पर मांग कर चुके हैं कि या तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले या स्पेशल पैकेज मिले, ताकि बिहार का विकास हो सके. 4 जुलाई को संजय झा ने जब जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का काम संभाला था तभी उन्होंने इस मांग को दोहराया था. उन्होंने कहा था कि, 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज इस पर बातचीत शुरू हो गई है. आने वाले समय में आपको इसका डिटेल बताएंगे.'
हालांकि नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग 2005 से कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको कामयाबी नहीं मिली है. उनकी दलील थी कि झारखंड के अलग होने से बिहार एक पिछड़ा और गरीब राज्य रह गया है. जाहिर है अब नीतीश कुमार को लग रहा होगा जब चंद्रबाबू नायडू को केंद्र से बड़ी मदद मिल सकती है, तो उन्हें क्यों नहीं. इसलिए उन्होंने भी अपनी मांग तेज कर दी. दुसरी ओर बीजेपी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रही है.
जीतन राम मांझी ने दिया बड़ा इशारा
वहीं, 12 जुलाई को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के मुखिया और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल पैकेज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में इस मसले पर कहीं हद तक तस्वीर साफ कर दी है.
यहां देखें- विशेष राज्य के दर्जे पर क्या बोले मांझी
#WATCH | Patna, Bihar: Union Minister for Micro, Small and Medium Enterprises Jitan Ram Manjhi says, "...When Niti Aayog has decided that they will not give special status to anyone, in such a situation when we talk about special state, I think it is not right. Bihar is poor and… pic.twitter.com/SlbWn7nSBn
— ANI (@ANI) July 12, 2024
मांझी ने कहा, 'जब नीती आयोग ने फैसला कर रखा है कि हम विशेष राज्य का दर्जा किसी को नहीं देंगे. वैसी परिस्थिति में विशेष राज्य के दर्जे की बात करते हैं, तो मेरी समझ में वो ठीक नहीं लगता है. रही बात बिहार गरीब है, उसको सहायता की जरूरत है. ऐसे में जो भी संभव सहायता होगी केंद्र सरकार करेगी, ऐसा हमको लगता है.'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश ने केंद्र से बिहार के 30 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. नीतीश की इस मांग के आगे या पीछे रकम मिलेगी, यह तो बजट 2024 में देखने वाली बात होगी. लेकिन इतना यह है कि बजट में आंध्र प्रदेश की तरह बिहार के लिए राहत पैकेज या बड़े प्रोजेक्ट जैसे बड़े ऐलान हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau