केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2020-21 में महिलाओं से जुड़ी योजना के लिए 28600 करोड़ रुपये आवंटित किए. इसके अलावा पोषाहार योजना के लिए 35300 करोड़ रुपये आवंटित किए. इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, 'पोषण मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, ये बच्चों के लिए भी अहम है. आंगनबाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं. पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं.'
उन्होंने आगे ये भी कहा कि पोषण मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, ये बच्चों के लिए भी अहम है. आंगनबाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं. पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं.
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महिलाओं से जुड़ी योजना का ऐलान करते समय वित्त मंत्री ने कहा, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता उल्लेखनीय है, लड़कियों के स्कूल जाने का आंकड़ा लड़कों से ज्यादा है. 98 फीसदी लड़कियां नर्सरी लेवल पर स्कूल जा रही हैं. प्लस टू लेवल पर भी इसी तरह के आंकड़े हैं, लड़कियां लड़कों से किसी मामले में पीछे नहीं.'
निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के लिए विवाह योग्य आयु की सिफारिश करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा. सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़ रुपये मुहैया कराये गये हैं, वहीं वित्त वर्ष 20-21 में पोषण संबंधी कार्यक्रम के लिए 35600 करोड़ आवंटित किये गए हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बजट में 85 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का झारखंड के रांची में एक आदिवासी संग्रहालय खोलने का भी प्रस्ताव है, वहीं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और तमिलनाडु में पांच पुरातत्व स्थलों पर संग्रहालय बनाये जाने हैं. सरकार ने संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपये और पर्यटन मंत्रालय के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.