Economic Survey 2020-21: वित्त वर्ष 2022 में तेज वृद्धि की उम्मीदों के विपरीत, इस साल तेज जीडीपी संकुचन को दूर करने में मदद के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को महामारी से पहले के विकास स्तर पर वापस आने में कम से कम दो साल लगेंगे. आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में यह बात कही गई है. महामारी से पहले के विकास के स्तर पर लौटने की बात करें तो आईएमएफ अनुमानों के आधार पर 2021-22 में 11.5 प्रतिशत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर देखने को मिलेगी, जबकि 2022-23 में 6.8 प्रतिशत वृद्धि होगी.
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2021-22 में जीडीपी में 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान
इन विकास अनुमानों के साथ भारत एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन जाएगा. सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि कोरोना की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में 7.7 प्रतिशत गिरावट का अंदेशा है, लेकिन इसके बाद तेजी से रिकवरी के भी संकेत हैं. 2021-22 में जीडीपी में 11 प्रतिशत वृद्धि का दावा किया गया है.
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सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड महामारी ने 2020 में एक सदी के वैश्विक संकट का नेतृत्व किया है, जबकि लॉकडाउन में सकल घरेलू उत्पाद में वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है. हालांकि इसके बाद रिकवरी वी शेप (तेजी से वृद्धि) के साथ होने की बात कही गई है.