वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया है. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट है. इस बजट को कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौर में पेश किया गया. ऐसे में इसका महत्व बढ़ जाता है. वित्त मंत्री सीतारमण का यह चौथा बजट होगा. इस दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए एक ओपन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जाएगी. इसमें हेल्थ प्रोवाइडर्स और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर डिजिटल रजिस्ट्रीज शामिल होंगी. इसके साथ प्लेटफॉर्म में यूनिक हेल्थ आईडी और स्वास्थ्य सुविधाओं को यूनिवर्सल एक्सेस भी दिया जाएगा.
कोरोना महमारी के बीच बजट 2022 (Budget 2022) में मोदी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र (Health Sector) के लिए बड़ी उम्मीदें लगाई जा रहीं थीं. स्वास्थ्य क्षेत्र को वित्त मंत्रालय के द्वारा बीते एक साल से भी अधिक समय से कई तरह की रियायतें मिल रही हैं. इस बजट में भी बिना किसी बदलाव के इसे जारी रखने की कोशिश है. इस बार स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति को उदार बनाने की उम्मीद की जा रही थी. मगर इस पर कोई ऐलान नहीं हुआ.
180 देशों की लिस्ट में 145वें नंबर पर
गौरतलब है कि भारत में अब भी हेल्थकेयर की गुणवत्ता और पहुंच दुनिया के 180 देशों की लिस्ट में 145वें नंबर पर आती है. नेशनल हेल्थ पॉलिसी के अनुसार 2025 तक पब्लिक हेल्थ पर देश की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत रकम खर्च होनी चाहिए, मगर 2020-21 में यह 2 प्रतिशत से भी कम था. भारत इस मामले में दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल है.
Source : News Nation Bureau