गुरुवार यानी 1 फरवरी 2018 को देश का आम बजट पेश किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की सेहत बिगड़ने के बाद एक बार फिर रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश का बजट कैसे बनता है और इसे कौन बनाता है? इस प्रक्रिया में कौन-कौन शामिल होते हैं और किस प्रिटिंग प्रेस में इसकी छपाई होती है? आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय के अंदर ही अत्याधुनिक प्रिटिंग प्रेस बना हुआ है. वित्त मंत्रालय के लगभग 100 कर्मचारी कई दिनों पहले से ही इस प्रेस में बंद हो जाते हैं. इन कर्मचारियों के रहने खाने-पीने वगैरह का इंतजाम प्रेस में ही होता है. अगर कोई कर्मचारी बीमार पड़ जाए तो उसके लिए एक डॉक्टर का भी इंतजाम होता है. कर्मचारी की बीमारी अगर ज्यादा गंभीर है तो उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया जाता है जहां कड़ी सुरक्षा में उसे भर्ती कराया जाता है, लेकिन वहां उस बीमार कर्मचारी के परिवार को भी उससे मिलने नहीं दिया जाता.
31 जनवरी को वित्त मंत्रालय के 250 औऱ पीआईबी (PIB) के करीब 100 अधिकारी व कर्मचारी प्रेस पहुंचते हैं, जिसके बाद उनका बाहरी दुनिया से सपर्क टूट जाता है. पीआईबी की टीम में सूचना अधिकारियों के साथ एनआईसी (NIC) के भी लोग शामिल होते हैं. सभी लोग वित्त मंत्री का भाषण खत्म होने के बाद ही प्रेस से बाहर निकल सकते हैं.
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इसके साथ ही कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष पास मिलता है जिसके आधार पर वो कभी भी अंदर या बाहर आ सकते हैं. सबसे आखिर में वित्त मंत्री के भाषण की छपाई होती है. वित्त मंत्री चाहें तो रात 10 बजे भी अपने भाषण में फेरबदल कर सकते हैं. आईबी (IB) सभी के लिए विशेष पास जारी करता है जिसके आधार पर ही कोई भी प्रेस में आ जा सकता है. विशेष क्षेत्र से निकलने के पहले पास जमा कराना जरुरी होता है.
अब ढ़ाई हजार कॉपी छापी जाती है जबकि पहले ये संख्या आठ हजार थी. ढ़ाई हजार में आठ सौ के करीब तो केवल सांसदो के लिए होता है. छपाई व पैकिंग पूरा हो जाने के बाद विशेष सुरक्षा दस्ते के साथ दस्तावेज संसद भवन पहुंचाया जाता है. संसद भवन में उसे वहां के सुरक्षा अधिकारी अपने कब्जे में ले लेते हैं. वित्त मंत्रालय में मीडिया को पहली दिसंबर से आने पर रोक लगा दी जाती है. केवल विशेष परिस्थितियो में विशेष पास के आधार पर ही मीडियाकर्मी वित्त मंत्रालय के भीतर जा सकते हैं.
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गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की सेहत बिगड़ने के बाद एक बार फिर रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. पीएम मोदी की सलाह पर पीयूष गोयल को यह जिम्मेदारी दी गई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली कैंसर की बीमारी के बाद विदेश में अपना इलाज करा रहे हैं शायद यही वजह है कि पीयूष गोयल इस साल का अंतरिम बजट पेश करेंगे. जेटली की तबियत खराब होने की वजह से अब पीयूष गोयल मोदी सरकार का अंतिम और अंतरिम बजट संसद में पेश करेंग. देश का बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. हालांकि इस दौरान भी अरुण जेटली ने मंत्री बने रहेंगे लेकिन उनके पास कोई मंत्रालय नहीं होगा.
खासबात यह है कि यह पहला मौका नहीं है जब पीयूष गोयल को वित्त मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गयो हो. इससे पहले भी जब वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली अपने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल में भर्ती थे तो पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय का प्रभार भी संभाला था. पीएम मोदी पीयूष गोयल पर बेहद विश्वास करते हैं.
जेटली के गिरते स्वास्थ्य की वजह से ही वो बीते 9 महीने से किसी भी विदेश यात्रा से दूर थे. गौरतलब है कि साल 2014 में अरुण जेटली ने वजन कम करने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी करवाई थी. जेटली की पहले हार्ट सर्जरी भी की जा चुकी है
Source : News Nation Bureau