आगामी वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार का ड्रोन के इस्तेमाल पर काफी फोकस करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि खेती-किसानी में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेख, कीटनाशकों का छिड़काव में मदद मिलेगी. ड्रोन पर अहम घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में बताया कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा, फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा. सरकार कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को शामिल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.
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क्या होगा फायदा ?
फसल में कहां रोग लगा है, कहां कीट लगे हैं, फसल में किस पोषक तत्व की कमी है. ऐसे कई खेती के कामों को ड्रोन के जरिए आसानी से हो सकेंगे. साथ ही समय पर बीमारियों का पता चलने से किसानों की इनपुट लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ सकेगा. इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल कीटनाशकों और पोषकतत्वों को छिड़काव भी किसानों की काफी मदद करेगा. साथ ही इससे एक बड़े क्षेत्रफल में महज कुछ घंटों में कीटनाशक या दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है. इससे किसानों की लागत में कमी आएगी, समय की बचत होगी और सबसे बड़ा फायदा यह होगा की सही समय पर खेतों में कीट प्रबंधन किया जा सकेगा. देश के विभिन्न राज्यों में टिड्डियों के हमलों को रोकने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था.
ड्रोन तकनीक से फायदे (Benefits Of Drone Technology)
ड्रोन में विभिन्न विशेषताएं हैं, जैसे कि मल्टी-स्पेक्ट्रल और फोटो कैमरा. इसका कृषि के कई पहलुओं में उपयोग किया जा सकता है, जिसमें फसल की निगरानी, पौधों की वृद्धि और कीटनाशकों पर उर्वरक और पानी का छिड़काव आदि शामिल है.
किसानों को किया जा रहा जागरूक
अग्रणी कृषि अनुंसधान और कृषि प्रशिक्षण संस्थानों को आठ से दस लाख रुपए मूल्य के कृषि ड्रोन मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा. इसके बदले में ये संस्थान देश भर में ड्रोन के छिड़काव का प्रशिक्षण करेंगे. किसान जल्द से जल्द कृषि ड्रोन के इस्तेमाल के प्रति जागरूक हों इसके लिए एफपीओ और कृषि इंटरप्रेन्योर्स सब्सिडाइज्ड दरों पर कृषि ड्रोन दिए जाएंगे. ताकि इसका इस्तेमाल बढ़ सकें. साथ ही देश का हर एक किसान इसका इस्तेमाल कर सकें.
Source : Vijay Shankar